असम उपचुनाव हिंसा: पुलिस के दो अधिकारियों का तबादला
यासिर रंजन
- 11 Nov 2024, 05:24 PM
- Updated: 05:24 PM
नगांव (असम), 11 नवंबर (भाषा) असम के नगांव जिले के सामागुरी विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग (ईसी) ने हिंसा की घटनाओं के बाद पुलिस के दो अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सामागुरी विधानसभा क्षेत्र में इस सप्ताह उपचुनाव होना है।
सूत्रों ने बताया कि नगांव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) (अपराध) पार्थ प्रतिम सैकिया और कालियाबार अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) रूपज्योति दत्ता को जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है।
उसने बताया कि जयंत बरुआ और श्यामंत शर्मा को तत्काल प्रभाव से क्रमश: नया एएसपी (अपराध) और एसडीपीओ नियुक्त किया गया है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर धुबरी के सांसद रकीबुल हुसैन को सामागुरी में चुनाव प्रचार करने से रोकने की मांग की है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
हुसैन पिछले 23 सालों से राज्य विधानसभा में सामागुरी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस साल की शुरुआत में उनके लोकसभा का सदस्य चुने जाने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी और अब उनके बेटे तंजील उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
भाजपा ने पार्टी के राज्य महासचिव और पार्टी की राज्य युवा शाखा के पूर्व अध्यक्ष दिप्लू रंजन शर्मा को मैदान में उतारा है।
नगांव के चुनाव अधिकारी के माध्यम से रविवार को निर्वाचन आयोग को भेजे गए पत्र में भाजपा ने कहा है कि हुसैन की उपस्थिति से क्षेत्र में हिंसा भड़की है और वह सांसद को निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने से रोकना चाहती है।
असम के मंत्री बिमल बोरा ने पत्र सौंपने के बाद कहा था, ‘‘सामागुरी में उपचुनाव एक व्यक्ति रकीबुल हुसैन की साजिश के कारण हिंसक हो गया है। हम चाहते हैं कि हुसैन को यहां आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए....।’’
भाजपा विधायक जीतू गोस्वामी ने रविवार को रूपाहीहाट पुलिस थाने में हुसैन और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित तौर पर पथराव, अवैध हथियारों से गोलीबारी, हत्या का प्रयास और हिंसा भड़काने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।
विधायक जीतू के वाहन पर भी कथित तौर पर गोलीबारी की गई थी।
गोस्वामी ने दावा किया कि शनिवार शाम को मुरीपुथी खेती इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के चुनाव कार्यालय से उन पर और भाजपा समर्थकों पर पथराव किया गया तथा बाद में उन पर गोलियां भी चलाई गईं।
भाषा यासिर