असम : उपचुनाव से पहले हुई हिंसा से हिला सामागुरी
जितेंद्र पारुल
- 10 Nov 2024, 09:12 PM
- Updated: 09:12 PM
नगांव (असम), 10 नवंबर (भाषा) असम में सामागुरी विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले हिंसा की घटनाओं के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस ने पिछले 24 घंटे में एक-दूसरे के समर्थकों को निशाना बनाते हुए गोलियां चलाए जाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह भी आरोप लगाया गया कि हिंसा पर रिपोर्टिंग करने गए तीन पत्रकारों से कांग्रेस समर्थकों ने मारपीट की। हिंसा की यह घटना शनिवार को हुई।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस पर भाजपा कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के लिए ‘‘अंधेरे की आड़ में हिंसा करने’’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसी को भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने नहीं दिया जाएगा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमें सामागुरी के मारी पुठिखैती गांव में गोलीबारी की घटना की जानकारी मिली। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के घर से सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक जीतू गोस्वामी के वाहन पर गोली चलाई गई।’’
उन्होंने बताया कि वाहन में गोस्वामी और भाजपा नेता सुरेश बोरा यात्रा कर रहे थे। हालांकि, घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ।
अधिकारी ने बताया, ‘‘वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के पूर्व आंचलिक पंचायत सदस्य इस्माइल हुसैन के बेटे इमामुद्दीन पर गोली चलाई, जिससे उन्हें पैर में चोट आई है।’’
उन्होंने बताया कि घायल इमामुद्दीन को एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारी के मुताबिक, आरोपों की पुष्टि की जा रही है।
एक अन्य घटना में निर्दलीय उम्मीदवार मुसब्बिर अली अहमद कटिमारी ग्रांट इलाके में अपने घर के पास सड़क पर बेहोशी की हालत में गंभीर रूप से घायल मिले। अहमद के समर्थक उन्हें तुरंत नगांव ले गए, जहां एक निजी अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है।
उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने धुबरी से सांसद रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने डी रंजन शर्मा को मैदान में उतारा है।
उदमारी गांव में रविवार को तंजील की ‘एसयूवी’ कार पर भाजपा समर्थकों ने कथित तौर पर हमला किया, जिससे उन्हें चाय बागान में चुनाव प्रचार से लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
नगांव जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत कुमार सैकिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमने तंजील की गाड़ी पर हमले के संबंध में निर्वाचन आयोग से शिकायत की है और सामागुरी थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। हम हमले के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करते हैं और निर्वाचन अधिकारियों से शाम छह बजे चुनाव संबंधी प्रचार बंद कराने का अनुरोध करते हैं।”
पुलिस ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी दल के समर्थकों के बीच रात भर चली झड़प के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में कई जगहों पर कम से कम आधा दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ की गई।
मुख्यमंत्री शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं असम कांग्रेस के समर्थकों द्वारा सामागुरी में माननीय विधायक जीतू गोस्वामी पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह वही कांग्रेस है, जो कैमरे पर दिखाने के लिए गर्व से संविधान की प्रति पकड़ती है और हमारे कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के लिए अंधेरे की आड़ में हिंसा करती है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस उपचुनाव में ‘‘इस हद तक क्यों गिर गई।’’
शर्मा ने कहा कि यह केवल हार का डर नहीं, बल्कि अपने मूल वोट बैंक को बनाए रखने की ‘हताशा’ है, जो उन्हें इस हद तक ले गी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “न्याय किया जाएगा और हम किसी को भी हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने या कमजोर करने की अनुमति नहीं देंगे।”
कांग्रेस की आलोचना करते हुए विधायक गोस्वामी ने ‘‘मतदाताओं को डराने के लिए सांसद रकीबुल के नेतृत्व वाले’’ हमलावरों के खिलाफ तत्काल दंडनीय कार्रवाई करने की मांग की।
भाजपा प्रत्याशी ने कहा, “मैं गोलीबारी की इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। रकीबुल हुसैन ने कल (शनिवार) रात बहुत भड़काऊ भाषण दिया, जिसके बाद गोलीबारी हुई। अब हम निर्वाचन आयोग से शिकायत करने जा रहे हैं और तत्काल कार्रवाई की मांग करेंगे।”
उन्होंने पत्रकारों पर कथित हमले की भी निंदा की और कहा कि लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता सर्वोपरि है।
पत्रकारों ने रविवार को हमले के खिलाफ सामागुरी में धरना दिया और दोषियों को फौरन गिरफ्तार करने की मांग की।
गोहाटी प्रेस क्लब (जीपीसी) ने राज्य में पत्रकारों पर बार-बार हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की।
शनिवार को सामागुरी में पत्रकारों पर हमले की ताजा घटना हुई।
जीपीसी ने एक बयान में कहा, “चुनाव प्रचार के दौरान पिछले महीने भी सामागुरी में पत्रकारों पर हमले की ऐसी ही घटनाएं हुई थीं। गुवाहाटी प्रेस क्लब ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न किए जाने पर चिंता व्यक्त करता है।”
अपने बेटे के पहले चुनावी मुकाबले के लिए आक्रामक प्रचार कर रहे हुसैन घटनास्थल पर पहुंचे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भाजपा के कथित ‘‘बर्बर’’ हमले की निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तुरंत नगांव के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका और अन्य पुलिस अधिकारियों को सूचित किया तथा उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया। हालांकि, डेका और अन्य ने पत्रकारों के सामने निष्पक्ष जांच करने के बजाय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया।’’
उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।
भाषा जितेंद्र