राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों की समीक्षा के परिणाम स्पष्ट करे पर्यावरण मंत्रालय: जयराम रमेश
सिम्मी सुभाष
- 10 Nov 2024, 08:21 PM
- Updated: 08:21 PM
नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को पर्यावरण मंत्रालय से राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक-2009 (एनएएक्यूएस) की उस समीक्षा के परिणामों को स्पष्ट करने को कहा, जिसका जिम्मा 2021 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर को सौंपा गया था।
कांग्रेस महासचिव (संचार) रमेश ने कहा कि 12 प्रमुख प्रदूषकों को कवर करने वाले एनएएक्यूएस की नवंबर 2009 में औपचारिक घोषणा की गई थी।
पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उस समय इसकी व्यापक रूप से सराहना की गई थी और यह बखूबी पता था कि उसकी समय-समय पर समीक्षा करनी होगी।
उन्होंने कहा कि आईआईटी-कानपुर इस पहल से करीबी रूप से जुड़ा हुआ है।
रमेश ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आईआईटी-कानपुर को दिसंबर 2021 में एनएएक्यूएस, 2009 की समीक्षा का जिम्मा सौंपा था।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, बिजली संयंत्रों से सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन से संबंधित मानकों को नरम करने का प्रयास किया जा रहा है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, लेकिन हमें इस समीक्षा के परिणामों के बारे में आज तक कोई जानकारी नहीं है, जबकि यह स्पष्ट हो गया है कि मानकों को और अधिक सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है तथा कुछ मामलों में उन्हें और अधिक कड़ा करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को ‘टैग’ करते हुए पोस्ट में लिखा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
रमेश ने तत्कालीन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 2009 में जारी एनएएक्यूएस अधिसूचना भी साझा की।
भाषा सिम्मी