बाला साहेब और सावरकर का अपमान करने वालों का साथ दे रहे हैं उद्धव: अमित शाह
शोभना संतोष
- 10 Nov 2024, 03:34 PM
- Updated: 03:34 PM
(तस्वीरों के साथ)
मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे उस कांग्रेस का साथ दे रहे हैं जिसके नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे और हिंदुत्व की विचारधारा वाले विचारक वीर सावरकर का अपमान किया है।
शाह ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का घोषणापत्र जारी करने के बाद यह बात कही।
शाह ने कहा कि उनकी पार्टी देश में धर्म आधारित आरक्षण की अनुमति नहीं देगी।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) (जिसमें शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा शामिल है) की कोई विश्वसनीयता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ महा विकास आघाडी का भरोसा ‘पाताल’ से नीचे चला गया है। इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है।’’
शाह ने कहा कि महायुति (जिसमें भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राकांपा शामिल है) को एमवीए से चुनौती मिल रही है। एमवीए के वादे विचारधारा का अपमान करते हैं और तुष्टिकरण को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने शासन वाले राज्यों में चुनाव पूर्व किए गए वादों से मुकर गई है और महा विकास आघाडी की कोई विश्वसनीयता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि क्या वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से वीर सावरकर के लिए दो अच्छे शब्द कहने का अनुरोध कर सकते हैं।’’
शाह ने कहा, ‘‘क्या कांग्रेस का कोई नेता बालासाहेब ठाकरे के सम्मान में कुछ शब्द कह सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा होगा कि महाराष्ट्र के लोग उन लोगों को जान लें जो ऐसे विरोधाभासों के बीच गठबंधन सरकार बनाने का सपना लेकर आए हैं।’’
शाह ने कहा कि भाजपा का ‘संकल्प पत्र’ 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।
उन्होंने कहा, ‘‘उलेमाओं के एक संगठन ने अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की मांग की है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस पर सहमति जताई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उद्धव ठाकरे से कहना चाहता हूं कि आप उन लोगों के साथ बैठे हैं जो राम मंदिर, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, समान नागरिक संहिता, वक्फ बोर्ड संशोधन का विरोध करते हैं और सावरकर को बुरा भला कहते हैं।’’
शाह ने कहा कि यदि वक्फ बोर्ड संशोधन नहीं किया जाता तो वह आपकी संपत्ति को अपना घोषित कर सकता है।
शाह ने कहा, ‘‘क्या महाराष्ट्र के लोग अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण का अधिकार मुसलमानों को देने के पक्ष में हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है। फिर भी कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले आरक्षण का वादा किया, लोगों को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 (जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था) को निरस्त करने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) ने डॉ. बी आर आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की शपथ ली।
शाह ने कहा कि भाजपा का संकल्प पत्थर की लकीर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे केंद्र हो या राज्य, जब हमारी सरकार बनती है, हम अपने संकल्प पूरे करते हैं।’’
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी के चुनावी वादे विचारधारा का अपमान हैं और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाले हैं।
शाह ने कहा, ‘‘शरद पवार को महाराष्ट्र के लोगों को बताना चाहिए कि संप्रग सरकार में 10 साल तक मंत्री रहते हुए उन्होंने लोगों के लिए क्या किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सदियों से हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करता रहा है। भक्ति आंदोलन महाराष्ट्र से शुरू हुआ, गुलामी से मुक्ति का आंदोलन भी शिवाजी महाराज ने यहीं से शुरू किया, सामाजिक क्रांति भी यहीं से शुरू हुई और महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षाओं की झलक भाजपा के संकल्प पत्र में दिखती है।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने महायुति को फिर से जनादेश देने का मन बना लिया है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा का चुनाव घोषणापत्र विकसित भारत के लिए विकसित महाराष्ट्र बनाने का खाका है।
भाषा
शोभना