उत्तराखंड ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर नए प्रतिमान स्थापित किए: योगी आदित्यनाथ
आनन्द खारी
- 09 Nov 2024, 11:35 PM
- Updated: 11:35 PM
लखनऊ, नौ नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि पिछले 24 वर्षों में उत्तराखंड ने विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हुए नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने शनिवार शाम गोमती तट स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में 10 दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव की शुरुआत की।
समारोह के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य ने अपनी स्थापना के 24 वर्ष पूरे कर लिए हैं और रजत जयंती वर्ष में प्रवेश किया है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड स्थापना दिवस के इस विशेष मौके पर उत्तराखंडवासियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘पिछले 24 वर्षों में उत्तराखंड ने विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हुए नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।’’
प्रदेश में प्रतिवर्ष उत्तराखंड महोत्सव का आयोजन करके उसकी सांस्कृतिक विरासत को सम्मान दिये जाने पर उत्तराखंड महापरिषद का मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के पवित्र धाम- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और जागेश्वर धाम का स्मरण करते हुए कहा कि सदियों से ये पावन स्थल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बिंदु रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब ये स्थान पर्यटन का भी प्रमुख आकर्षण बन चुके हैं, जहां देश-विदेश से लोग खिंचे चले आते हैं। केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य और सुविधाओं के विस्तार से यहां पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। जागेश्वर धाम का विशेष रूप से प्रधानमंत्री द्वारा दौरा किए जाने के बाद इसे वैश्विक पहचान मिली है।’’
योगी ने कहा कि पर्यटन ने न केवल रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड महापरिषद की स्थापना उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय गोविंद बल्लभ पंत द्वारा की गई थी, जो राज्य की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को संजोने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा उत्तराखंड के साथ खड़ी है। सरकार का मानना है कि विरासत का सम्मान करने वाला समाज ही विकास की ओर अग्रसर होता है। इसी सोच के साथ उत्तराखंड महापरिषद को निरंतर समर्थन प्रदान किया जाएगा ताकि राज्य की संस्कृति, परंपरा और लोक गाथाओं को आगे बढ़ाया जा सके।’’
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, उत्तराखंड महापरिषद के संयोजक दीवान सिंह अधिकारी, अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत, महासचिव भरत सिंह समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने मैती आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद पद्मश्री डॉ. कल्याण सिंह रावत को ‘उत्तराखंड गौरव’ सम्मान से सम्मानित किया। साथ ही उत्तराखंड दर्पण स्मारिका प्रकृति नमन विशेषांक का विमोचन किया।
भाषा आनन्द