नोटबंदी और जीएसटी किसानों तथा श्रमिकों को खत्म करने के हथियार: राहुल गांधी
देवेंद्र वैभव
- 09 Nov 2024, 08:32 PM
- Updated: 08:32 PM
(फोटो के साथ)
जमशेदपुर/धनबाद, नौ नवंबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर उसकी नीतियां देश के किसानों, श्रमिकों और गरीबों को खत्म करने के हथियार हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि देश में भाजपा-आरएसएस और ‘इंडिया’ गठबंधन की विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है, जो क्रमशः नफरत और प्रेम में विश्वास रखते हैं।
उन्होंने दावा किया कि यह लड़ाई हिंसा और एकता के बीच है।
गांधी ने जमशेदपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी की नीतियां देश में बेरोजगारी फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। नोटबंदी, जीएसटी गरीबों, किसानों और मजदूरों को खत्म करने के हथियार हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा-आरएसएस जाति, धर्म और भाषा के आधार पर देश को बांटने की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस भारत के संविधान की रक्षा करना चाहती है जबकि भाजपा-आरएसएस इसे नष्ट करने पर तुले हुए हैं।’’
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूंजीपतियों को धन मुहैया कराने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि ये पूंजीपति बदले में विदेशों में पैसा निवेश करते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि वे मोदी को हराएंगे और जनता के कल्याण के लिए काम करेंगे।
संबोधन के दौरान झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा गांधी को ‘अजान’ होने की सूचना दी गई जिसके बाद गांधी ने दो मिनट का विराम लिया।
गांधी ने शनिवार को धनबाद के बाघमारा में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा कि उसका कर ढांचा ‘‘गरीबों को लूटने’’ के लिए बनाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भारतीय कर ढांचा गरीबों को लूटने के लिए है। अदाणी आपके बराबर कर चुकाते हैं। धारावी की एक लाख करोड़ रुपये की जमीन उन्हें सौंपी जा रही है।’’
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी कटाक्ष किया और आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री मोदी ‘सीप्लेन’ (पानी पर उतरने में सक्षम विमान) में यात्रा करते हैं, समुद्र के अंदर जाते हैं लेकिन गरीबों और महिलाओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) भारत की आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा हैं लेकिन सरकारी संस्थानों में उनका प्रतिनिधित्व नहीं है।
गांधी ने कहा, “हम गरीबों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा माफ किए गए पूंजीपतियों के कर्ज के बराबर धनराशि देंगे।”
उन्होंने दावा किया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाएगी।
उन्होंने दावा किया, ‘‘संविधान पर लगातार हमला हो रहा है और इसे बचाये जाने की जरूरत है। हम किसी भी कीमत पर 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को हटाएंगे। अगर हम झारखंड में सत्ता में आए तो हम एसटी का आरक्षण मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत, एससी का आरक्षण मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और ओबीसी का आरक्षण मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करेंगे।’’
गांधी ने यह भी कहा कि देश की विभिन्न संस्थाओं और संपदा में आदिवासियों, दलितों और ओबीसी की भागीदारी की पहचान के लिए जाति आधारित गणना जरूरी है।
भाषा
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