कोविड घोटाला रिपोर्ट में येदियुरप्पा, श्रीरामुलु पर मुकदमा चलाने की सिफारिश: कर्नाटक के मंत्री
संतोष माधव
- 09 Nov 2024, 09:05 PM
- Updated: 09:05 PM
बेंगलुरु, नौ नवंबर (भाषा) कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच करने वाले न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा जांच आयोग ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा तथा पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।
राव ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कोविड-19 के दौरान उपकरणों एवं दवाओं की खरीद में ‘‘लूट-खसोट’’ हुई थी।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चुनावी विधानसभा क्षेत्र संदूर में कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार कैबिनेट में चर्चा के बाद भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेगी।
मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट कांग्रेस के इस आरोप को साबित करती है कि ‘‘तत्कालीन सरकार ने स्थिति का दुरुपयोग करते हुए मृतकों के नाम पर पैसा बनाया।’’
राव ने कहा, ‘‘...कुछ खामियां थीं। महामारी के दौरान कोई भी उनसे सवाल नहीं कर सकता था। उस स्थिति का फायदा उठाते हुए, तत्कालीन सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया और लूट-खसोट की तथा अपने लिए सुविधाजनक फैसले किए। तब विपक्षी दल के रूप में, हमने (कांग्रेस) इस मुद्दे को उजागर करने की कोशिश की। राज्य में सत्ता में आने के बाद हमने जांच कराने और रिपोर्ट सौंपने के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया।’’
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और दूसरी रिपोर्ट छह-सात महीने में सौंपी जा सकती है, क्योंकि बहुत सारे दस्तावेजों की जांच करनी होगी।
राव ने कहा, ‘‘गठित की गई कैबिनेट उप-समिति ने रिपोर्ट पर चर्चा की है और यह सच है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु का सीधे तौर पर नाम लिया गया है... पीपीई किट की खरीद में लगभग 14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसे नियमों का उल्लंघन कर अधिक कीमत पर खरीदा गया था। देश में इनकी उपलब्धता होने के बावजूद इन्हें चीन-हांगकांग से खरीदा गया था।’’
उन्होंने रिपोर्ट में लगाये गए गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए येदियुरप्पा और श्रीरामुलु को 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के प्रचार से दूर रहने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान श्रीरामुलु के बाद स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने वाले व्यक्ति के खिलाफ आरोप सामने आ सकते हैं। उनका इशारा वर्तमान सांसद के. सुधाकर की ओर था।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जब मैं नेता प्रतिपक्ष था, तो मैंने रिकॉर्ड के साथ कोविड खरीद घोटाला उठाया था, जिसमें 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। सत्ता में आने के बाद हमने जांच के लिए एक आयोग का गठन किया, इसके द्वारा प्रस्तुत अंतरिम रिपोर्ट की कैबिनेट की उपसमिति द्वारा जांच की जा रही है।’’
अपने खिलाफ आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि वह इस तरह की ‘धमकी’ से नहीं डरेंगे। येदियुरप्पा ने सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए उनसे ‘साजिश की राजनीति’ छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने ऊपर लगे आरोपों का सामना करने और लोगों की भलाई करने पर ध्यान केंद्रित करने की भी सलाह दी।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘येदियुरप्पा इस तरह की धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे....कोई अन्य रास्ता नहीं होने के कारण सिद्धरमैया पुरानी बातों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उन्हें किसी भी तरह से फायदा नहीं होगा...कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, उन्हें जो करना है करने दीजिए, मेरे पास इसका सामना करने की ताकत है।’’
प्रारंभिक रिपोर्ट 31 अगस्त को न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा द्वारा सौंपी गई थी।
सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए पिछले महीने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) और एक कैबिनेट उप-समिति गठित करने का फैसला किया था। इसके बाद, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति गठित की।
गृह मंत्री जी परमेश्वर, कानून मंत्री एच के पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियंक खरगे, श्रम मंत्री संतोष लाड और चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल समिति के सदस्य हैं।
रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीपीई किट सौदे में खरीद की दरों पर बातचीत में और शर्तों में नियमों का उल्लंघन किया गया था, कंपनियों की तरफदारी की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 14 करोड़ रुपये अधिक का भुगतान किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट में येदियुरप्पा एवं श्रीरामुलु के खिलाफ कार्रवाई और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार का 'राजनीतिक प्रतिशोध' का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि उक्त सिफारिश के बाद, कैबिनेट उप-समिति की एक बैठक हुई और उपचुनाव खत्म होने के बाद एक और बैठक आयोजित की जाएगी।
येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि न तो उनके पिता और न ही उनकी पार्टी ऐसी जांच रिपोर्ट से डरकर भागेगी। उन्होंने कहा कि अब रिपोर्ट सामने लाना, उपचुनावों के दौरान एमयूडीए भूमि आवंटन मामले और वक्फ विवाद मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ लगे आरोपों से सरकार की ‘ध्यान भटकाने की रणनीति’ है।
श्रीरामुलु ने कहा कि अगर यह साबित हो गया कि उन्होंने कुछ गलत किया है तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘उनको कोई भी जांच करने दें...मैं सामना करने के लिए तैयार हूं...जब कोविड आया, तो शुरू में मास्क और किट स्थानीय स्तर पर उतनी मात्रा में उपलब्ध नहीं थे जितनी आवश्यकता थी, हमें चीन से आयात करना पड़ा। हमने बहुत बाद में देश में उत्पादन शुरू किया। अधिकारियों की सदस्यता वाले कार्यबल (टास्क फोर्स) ने खरीद पर निर्णय लिया, अकेले श्रीरामुलु ने नहीं।’’
राव ने कहा कि अधिकारियों सहित जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नोटिस दिया जाना चाहिए, उनसे जवाब मांगा जाना चाहिए।
राव ने कहा, ‘‘चाहे अधिकारी हों या (पूर्व) मंत्री, कार्रवाई की जाएगी। चूंकि यह (घोटाला) बड़े पैमाने पर हुआ है, इसलिए हमें हर कदम कानूनी रूप से उठाने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं किया तो तकनीकी आधार पर अदालतों से स्थगन प्राप्त किया जा सकता है और मामले आसानी से बंद किये जा सकते हैं, इसलिए हमें प्राकृतिक न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन करते हुए सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है।’’
भाषा संतोष