भाजपा का दावा, महाराष्ट्र कांग्रेस ने मुस्लिम संस्था को 10 फीसदी आरक्षण देने का भरोसा दिलाया
पारुल वैभव
- 09 Nov 2024, 07:59 PM
- Updated: 07:59 PM
नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने एक मुस्लिम संस्था को भरोसा दिलाया है कि राज्य में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार बनने पर वह उसकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम उठाएगी, जिसमें सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में अल्पसंख्यक समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
नयी दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड (एआईयूबी) ने एमवीए नेताओं को पत्र लिखकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सशर्त समर्थन देने की पेशकश की है।
एमवीए में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
प्रसाद ने कहा, “एआईयूबी ने अपने पत्र में कहा है कि अगर नाना पटोले (कांग्रेस), उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी), शरद पवार (राकांपा-एसपी) और अन्य दल उनका समर्थन चाहते हैं, तो उन्हें उनकी मांगें पूरी करनी होंगी, जिनमें वक्फ विधेयक का विरोध करना और नौकरियों एवं शिक्षण संस्थाओं में दाखिले में मुसलमानों को 10 फीसदी आरक्षण देना भी शामिल है।”
प्रसाद ने दावा किया कि एआईयूबी ने मांग की है कि अगर महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार बनती है, तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने संगठन की मांगों को “विभाजनकारी और देश के विघटन का मांगपत्र” करार दिया।
भाजपा नेता ने दावा किया कि यहां “कष्टदायी” बात यह है कि महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संगठन को दिए जवाब में भरोसा दिलाया है कि अगर महाराष्ट्र में एमवीए सत्ता में आती है, तो वह उनकी मांगों को पूरा करने के लिए “निश्चित रूप से” कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा, “हम ऐसी विघटनकारी मांगों का पुरजोर विरोध करते हैं। हम इन्हें कभी पूरा नहीं होने देंगे।”
प्रसाद ने कहा कि भाजपा “तथाकथित ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन का पर्दाफाश” करेगी और लोगों को दिखाएगी कि वे वोट के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को धर्म के आधार पर 10 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा सकता, क्योंकि संविधान के तहत इसकी इजाजत नहीं है।
प्रसाद ने कहा कि अगर मुसलमानों को अन्य आधारों पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है, तो इससे आरक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मौजूदा हिस्सेदारी कम हो जाएगी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या यह उन्हें स्वीकार्य है।
प्रसाद ने इस मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की आलोचना करते हुए कहा, “पार्टी अब शिवसेना नहीं रही, जिसकी अगुवाई और स्थापना दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने की थी। यह अब एक ऐसा संगठन बन गई है, जो हर तरह का समझौता कर सत्ता हासिल करना चाहती है।”
उन्होंने कहा कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है, जिसने राष्ट्र और समाज की सेवा में “ऐतिहासिक काम” किया है।
प्रसाद ने उद्धव ठाकरे पर पार्टी की मूल विचारधारा से भटकने का आरोप लगाते हुए सवाल किया, “आपको हो क्या गया है उद्धव ठाकरे? आप अपनी ही विरासत भूल गए। बालासाहेब ठाकरे ने इन चीजों के खिलाफ बहुत संघर्ष किया था... आप उनके बेटे हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। यह बहुत कष्टदायी है, क्योंकि हम एक समय साथ थे।”
भाजपा नेता ने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा और पूछा कि वह इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा, “आप एक अनुभवी खिलाड़ी हैं। मैं जानता हूं कि आप संविधान की समझ रखते हैं। आपकी उम्र 80 साल से अधिक है और आपको वहां बहुत सम्मान हासिल है।”
प्रसाद ने सवाल किया, “क्या आपने (शरद पवार) उन्हें समझाया कि यह (एआईयूबी की मांगों को पूरा करना) मुमकिन नहीं है...। आप वोट हासिल करने के लिए किस हद तक जाएंगे।”
भाषा पारुल