केरल : दिव्या की जमानत को लेकर कांग्रेस ने माकपा पर साधा निशाना
रवि कांत रवि कांत रंजन
- 09 Nov 2024, 07:28 PM
- Updated: 07:28 PM
कोच्चि, नौ नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने केरल की एक अदालत द्वारा कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) नवीन बाबू की मौत से संबंधित मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पी. पी. दिव्या को जमानत दिए जाने को लेकर वामपंथी दल पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने शनिवार को माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके नेताओं का जेल जाकर दिव्या को लेने जाना इस मामले में पार्टी के पाखंड का सबूत है।
विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा था कि पार्टी नवीन बाबू के परिवार के साथ है, लेकिन उनकी (गोविंदन) पत्नी उन लोगों में शामिल थीं जो शुक्रवार को दिव्या को जेल से लेने गए थे।
सतीशन ने कहा, ‘‘माकपा नेता कहते हैं कि वे पीड़ित परिवार के साथ हैं। लेकिन, जेल से दरिंदे को लाने वाली तो उसी नेता की पत्नी है। केरल में माकपा का यही चेहरा है।’’
विपक्ष के नेता ने कहा कि राज्य में मार्क्सवादी पार्टी द्वारा यही पाखंड दिखाया जा रहा है।
सतीशन का यह बयान मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर आया है, जिनमें कहा गया था कि अदालत द्वारा दिव्या को जमानत दिए जाने के बाद गोविंदन की पत्नी सहित पार्टी के कुछ स्थानीय नेता जेल पहुंचे थे।
पार्टी की जिला समिति के कुछ नेता कन्नूर जेल के बाहर दिव्या का इंतजार करते देखे गए, जहां उन्हें रिमांड पर लिया गया था।
दिव्या को जमानत दिए जाने का कन्नूर में माकपा नेताओं ने स्वागत किया और कहा कि वह एक सहकर्मी हैं, जिनसे गलती हुई है, लेकिन इसके लिए उन्हें दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए।
सतीशन ने दिव्या के मामले में माकपा पर "रहस्यमयी भूमिका" निभाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि मार्क्सवादी पार्टी पीड़ित के साथ नहीं बल्कि "शिकारी" के साथ है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा, ‘‘ माकपा के शीर्ष नेता उस व्यक्ति को जेल से लेने क्यों गए जिसे पार्टी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के माध्यम से पदावनत किया गया था? क्या माकपा पी पी दिव्या से डरती है?’’
केरल की एक अदालत द्वारा कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) नवीन बाबू की मौत से संबंधित मामले में शुक्रवार को जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पी. पी. दिव्या जेल से रिहा हो गईं।
इतना ही नहीं, सत्तारूढ़ पार्टी ने यह कहकर उनके प्रति अपना समर्थन जताया कि वह दुश्मन नहीं बल्कि पार्टी कार्यकर्ता हैं।
जेल से रिहा होने पर दिव्या ने कहा कि वह कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी नवीन बाबू की मौत से दुखी हैं और उन्होंने दावा किया कि वह भी उनके परिवार की तरह ही उनकी मौत की उचित जांच चाहती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कानून पर भरोसा है। मैं अदालत के सामने अपना पक्ष रखूंगी। मुझे विश्वास है कि मुझे अदालत के सामने अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका मिलेगा।’’
कन्नूर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दिव्या ने कहा कि उन्होंने हमेशा अधिकारियों से ‘‘नेक मंशा’’ से ही बात की है।
इस बीच, माकपा की कन्नूर जिला इकाई के सचिव एम वी जयराजन ने ऐलान किया कि कन्नूर जिला समिति की सदस्य दिव्या को पार्टी के भीतर निर्वाचित पदों से हटा दिया जाएगा। दिव्या ने 14 अक्टूबर को कथित रूप से बिना आमंत्रण के एडीएम के विदाई समारोह में पहुंच कर चेंगलाई में एक पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों की देरी को लेकर बाबू की आलोचना की थी।
उन्होंने यह टिप्पणी भी की थी कि उन्होंने (बाबू ने) स्थानांतरण के दो दिन बाद ही इसकी मंजूरी दे दी।
उन्होंने यह संकेत दिया था कि वह अचानक मंजूरी दिए जाने के कारणों को जानती हैं।
अगले दिन बाबू कन्नूर स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे।
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