प्रधानमंत्री ‘विभाजनकारी भाषा’ का कर रहे हैं इस्तेमाल, महाराष्ट्र इसे बर्दाश्त नहीं करेगा : पटोले
धीरज वैभव
- 09 Nov 2024, 07:12 PM
- Updated: 07:12 PM
जालना, नौ नवंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान ‘विभाजनकारी भाषा’ का इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को धुले और नासिक में तथा शनिवार को अकोला और नांदेड़ में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सत्ता हासिल करने के लिए दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की एकता के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने लोगों से ‘‘एक हैं तो सेफ हैं’’के मंत्र का पालन करने की अपील की।
पटोले ने प्रधानमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जिसे महात्मा फुले और महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे समाज सुधारकों की विरासत का गौरव प्राप्त है।
उन्होंने कहा,‘‘ ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारे लोगों के मुद्दों का समाधान करने के बजाय उनके बीच विभाजन को बढ़ावा देने वाले हैं। महाराष्ट्र ऐसी विभाजनकारी भाषा बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रधानमंत्री को मुश्किल में फंसे किसानों के लिए समाधान पेश करना चाहिए।’’
पटोले जालना से कांग्रेस उम्मीदवार कैलाश गोरंट्याल के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने अकोला में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस की साजिश जातियों और समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने तथा दलितों एवं पिछड़ों को एकजुट न होने देने की है, लेकिन हरियाणा की जनता ने 'एक हैं तो सेफ हैं’ का पालन कर इस साजिश को विफल कर दिया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस चाहती है कि ओबीसी, आदिवासी और दलित आपस में लड़ें क्योंकि उनके वोट में विभाजन से वह सत्ता वापस आ जाएगी। यही कांग्रेस की चाल और चरित्र है। हरियाणा में हुए दंगों में दलितों की हत्या हुई और कांग्रेस अपराधियों के साथ खड़ी रही।’’ पटोले ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर संत रामदास को छत्रपति शिवाजी महाराज से जोड़कर ‘‘ऐतिहासिक गलत बयानी’’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इस तरह के बयान राज्य के लोगों को भ्रमित करते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ‘लाडकी बहिन योजना’ जैसी योजनाओं से नागरिकों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि उद्योग महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित हो रहे हैं।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
भाषा धीरज