उत्तराखंड में रोजगार के पर्याप्त अवसरों के सृजन से पलायन को रोका जायेगा: धामी
देवेंद्र रंजन
- 09 Nov 2024, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
देहरादून, नौ नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि वह दिन अब दूर नहीं है जब रोजगार के पर्याप्त अवसरों का सृजन कर राज्य से पलायन की समस्या को समाप्त कर दिया जायेगा।
धामी ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर यहां पुलिस लाइन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड पर्यटन, कृषि, बागवानी और उद्योग समेत विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है जिसके कारण व्यवसाय, स्वरोजगार और नौकरी के मौके बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह दिन दूर नहीं जब हम रोजगार के अवसर बढ़ाकर राज्य से पलायन की समस्या को समाप्त कर सकेंगे।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी एक वीडियो संदेश के जरिये राज्य के लोगों को इस मौके पर शुभकामनाएं दीं।
मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में इस समय विकास का महायज्ञ चल रहा है। उन्होंने राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियां अन्य राज्यों के लिए आदर्श बन रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उत्तराखंड यह साबित कर रहा है कि यह दशक उसका है। वह विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (एसडीजी) में इसे देश में प्रथम स्थान दिया गया है, इसे व्यापार सुगमता में उपलब्धि प्राप्त करने वालों की श्रेणी में तथा स्टार्टअप रैंकिंग में अग्रणी की श्रेणी में रखा गया है।’’
उन्होंने कहा कि आज (शनिवार) नौ नवंबर है और नौ का अंक शुभ माना जाता है, जो शक्ति का प्रतीक होता है।
उन्होंने उत्तराखंडवासियों से पांच और यहां आने वाले पयर्टकों से चार यानि कुल नौ आग्रह किए।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में रहने वालों से अपनी पहचान के लिए अपनी आने वाली पीढ़ियों को गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी आदि बोलियां सिखाने, पर्यावरण की रक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए एक पेड़ मां के नाम लगाने, अपने जलस्रोतों का संरक्षण करते हुए पानी की स्वच्छता के अभियान को गति देने, अपने गांव आते-जाते रहने और अपने पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर आय का साधन बनाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से भी हिमालय में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से बचने, पहाड़ों में घूमने के दौरान ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करने, यातायात के नियम अपनाने और तीर्थस्थलों की मर्यादा का पालन करने की अपील की।
धामी ने कहा कि उनकी सरकार ने औद्योगिक, रसद और स्टार्टअप नीतियों समेत कई नई नीतियां बनाकर राज्य में पूंजी निवेश के अवसर बढ़ाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर जिले के खुरपिया में जल्द ही एक ‘औद्योगिक स्मार्ट सिटी’ भी स्थापित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के माध्यम से पहाड़ों तक रेल पहुंचने का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर जिले में एम्स, ऋषिकेश के उपग्रह केंद्र के निर्माण के अलावा विभिन्न जिलों में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं।
धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया जिनके कार्यकाल के दौरान नौ नवंबर, 2000 को उत्तराखंड एक अलग राज्य बना था।
उन्होंने कहा, ‘‘अटल जी ने उत्तराखंड के पूर्ण राज्य बनने के सपने को साकार किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।’’
अल्मोड़ा में हाल में हुई बस दुर्घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए धामी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों को साथ लेकर एक व्यापक नीति बनाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ठेकेदारों और इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया तय की जायेगी।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं में वर्ष 2030 तक 50 या उससे अधिक आबादी वाले सभी गांवों को सड़कों से जोड़ना, उनके समग्र विकास के लिए नई महिला नीति की शुरुआत करना तथा युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए विशेष ‘‘युवा नीति’’ बनाना तथा आगामी राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले उत्तराखंड के खिलाड़ियों को उनकी पुरस्कार राशि के बराबर अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करना शामिल है।
अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासियों के लिए प्रतिवर्ष नवम्बर में ‘‘राष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी दिवस’’ तथा विदेशों में रह रहे प्रवासियों के लिए जनवरी में ‘‘अंतरराष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी दिवस’’ का आयोजन किया जायेगा।
धामी ने देहरादून में शहीद स्थल पर राज्य के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में एक अन्य कार्यक्रम को भी संबोधित किया।
भाषा देवेंद्र