उमर ने शांतिपूर्ण माहौल के महत्व पर जोर दिया, पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की हिमायत की
सुभाष रंजन
- 08 Nov 2024, 10:25 PM
- Updated: 10:25 PM
श्रीनगर, आठ नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शांतिपूर्ण माहौल के महत्व पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर शांति स्थापित नहीं होगी तो अन्य चीजों पर काम करना असंभव हो जाएगा, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने में मदद करें।
अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की पुरजोर वकालत भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह वह विधानसभा नहीं है जो हम चाहते हैं। हम एक पूर्ण विधानसभा चाहते हैं, जिसका वादा प्रधानमंत्री ने किया है।’’
मुख्यमंत्री सदन में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद, पहली बार सोमवार को विधानसभा की बैठक हुई।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम एक केंद्र शासित प्रदेश हैं। जनता द्वारा चुनी गई सरकार को बहुत सारी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, लेकिन शांति, कानून और व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद से लड़ने की जिम्मेदारी उसके पास नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति को शून्य में सामान्य नहीं किया जा सकता। जनता द्वारा चुनी गई सरकार और सुरक्षा तंत्र के बीच समन्वय को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। मैं पुलिस और अर्धसैनिक बलों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम शांति बनाए रखने में उनके साथ हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शांति नहीं होगी तो अन्य चीजों पर काम करना असंभव हो जाएगा।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम शांति बनाए रखने में मदद करें। शांति कायम करने के दो तरीके हैं - गिरफ्तारी और ऐसे अन्य उपाय करना, और दूसरा लोगों को शांति में भागीदार बनाकर।’’
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, ‘‘हमारा इन चीजों पर अधिकार नहीं हैं, लेकिन मैंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि ऐसा तंत्र होना चाहिए, जिससे हम लोगों को असहज किये बिना सुरक्षा बलों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।’’
मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब 16 अक्टूबर को उनकी सरकार बनने के बाद से आतंकवादी घटनाओं में तेजी से वृद्धि होते देखी गई है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमें सम्मान के साथ जीने का अधिकार है...हम राज्य का दर्जा क्यों मांग रहे हैं? हमारी पहचान और संस्कृति को नुकसान पहुंचा है और हमें लगता है कि राज्य का दर्जा इसे बहाल करने का एक तरीका है। अपनी जमीन और संसाधनों पर हमारा अधिकार होना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि वह ‘एक्स’ पर बहुत कुछ लिखते हैं, लेकिन वह लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ता उनकी सरकार का एजेंडा तय नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह काम जनता करेगी।’’
भाषा सुभाष