दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए ड्रोन से पानी का छिड़काव
शुभम माधव
- 08 Nov 2024, 08:28 PM
- Updated: 08:28 PM
नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को शहर के आनंद विहार इलाके में प्रायोगिक तौर पर ड्रोन से पानी का छिड़काव किया।
आनंद विहार शहर के सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों में से एक है।
इस दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों में एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) शहर के औसत स्तर से अधिक है।
राय ने बताया कि वर्तमान में दिल्ली में 200 से अधिक ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात हैं जिनसे हवा की धूल को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि यदि परीक्षण सफल रहा तो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और अधिक ड्रोन खरीदने पर विचार कर सकती है।
राय ने कहा, "यदि हमें आज के परीक्षण के अच्छे परिणाम मिले तो हम अतिरिक्त ड्रोन खरीदने के लिए औपचारिक निविदाएं जारी करेंगे।"
परीक्षण में प्रयुक्त ड्रोन 15 लीटर तक पानी ले जा सकते हैं तथा वायु में उपस्थित प्रदूषकों को नियंत्रित करने के लिए इसे छोड़ सकते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले तथा दुर्गम क्षेत्रों में।
राय ने कहा कि पानी का छिड़काव वाले ड्रोन की प्रभावशीलता पर एक रिपोर्ट पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को सौंपी जाएगी ताकि आगे के कदमों का आकलन किया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रायोगिक तौर पर किया जा रहा पानी का यह छिड़काव 25 सितंबर को प्रस्तुत व्यापक शीतकालीन कार्य योजना का हिस्सा है जो शीतकालीन प्रदूषण के प्रबंधन के लिए 21 प्रमुख कार्यों पर केंद्रित है।
राय के अनुसार दिल्ली के सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों के लिए विशिष्ट कार्य योजनाएं हैं जहां 13 समन्वय टीमें प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों से निपटेंगी।
मंत्री ने कहा कि सड़कों और खुले क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए इन अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में 80 गतिशील एंटी-स्मॉग गन और 68 स्थिर एंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं।
राय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को इन क्षेत्रों में निरीक्षण तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि 13 विभागों के अधिकारी प्रदूषण रोधी दिशानिर्देशों के अनुपालन की जांच के लिए शहर भर में निर्माण स्थलों की निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 200 गतिशील एंटी-स्मॉग गन काम कर रही हैं, जबकि हवा में धूल से निपटने के लिए ऊंची इमारतों के ऊपर 146 एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं।
राय ने कहा, "ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदूषण स्रोतों को लक्षित करने और नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करती है, विशेष रूप से घने शहरी स्थानों और औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पारंपरिक छिड़काव संभव नहीं है।"
दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रतिदिन खराब होती जा रही है तथा वर्तमान में 15 से अधिक निगरानी केन्द्र एक्यूआई के स्तर को 'गंभीर' श्रेणी में बता रहे हैं।
एक्यूआई 0-50 को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
भाषा
शुभम