न तो राहुल गांधी और न ही उनके वंशज अनुच्छेद 370 को बहाल कर पाएंगे: अमित शाह
सिम्मी माधव
- 08 Nov 2024, 09:54 PM
- Updated: 09:54 PM
(तस्वीरों के साथ जारी)
सांगली (महाराष्ट्र), आठ नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि न तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और न ही उनकी आने वाली पीढ़ियां जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को वापस ला पाएंगी।
शाह ने पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में विधानसभा चुनाव के लिए एक प्रचार रैली को संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 को बहाल करने के प्रयास में नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने विशेष दर्जा बहाल करने की मांग करने वाला प्रस्ताव बुधवार को पारित किया था।
सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के उम्मीदवारों सुधीर गाडगिल और संजय काका पाटिल के लिए सांगली में एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी -शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) प्रमुख शरद पवार सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने का विरोध किया था।
शाह ने कहा, ‘‘राहुल बाबा, छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती से मैं आपको बता रहा हूं कि न तो आप और न ही आपकी चौथी पीढ़ी अनुच्छेद 370 को बहाल कर पाएगी। देश का हर बच्चा कश्मीर के लिए लड़ने के लिए तैयार है।’’
शाह ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लिया था तब मैं (संसद में) विधेयक लेकर आया था, लेकिन राहुल गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और (एम के) स्टालिन ने इस कदम का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 को न हटाएं क्योंकि इससे घाटी में खून-खराबा होगा। खून की नदियां बहना तो दूर, किसी ने पत्थर फेंकने तक की हिम्मत नहीं की।’’
शाह ने कहा कि ‘‘सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार’’ के दौरान आतंकवादी हमले अक्सर होते थे, लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उरी और पुलवामा की घटनाओं के जवाब में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गईं, जिससे पाकिस्तान में आतंकवादियों का सफाया हो गया।
उन्होंने कहा कि मोदी के प्रयासों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ जिसे कांग्रेस पिछले 70 वर्ष से रोक रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के सत्ता में आने के बाद पांच साल में अदालत का फैसला आया, मंदिर की आधारशिला रखी गई, इसका निर्माण हुआ और प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ।’’
शाह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करने के लिए अपनी रैलियों में संविधान की प्रति दिखाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान चुनावी एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान का मतलब विश्वास है लेकिन ये लोग (कांग्रेस) संविधान के नाम पर वोट मांग रहे हैं और झांसा दे रहे हैं। आज एक चुनावी रैली में संविधान की प्रतियां बांटी गईं। पुस्तक का आवरण ठीक था लेकिन अंदर के पन्ने खाली थे। उस पर एक भी शब्द नहीं छपा था। गांधी ने संविधान का अपमान किया है, बाबासाहेब आंबेडकर और भारत के लोगों का अपमान किया है।’’
शाह ने कहा कि गांधी को लोगों को बताना चाहिए कि संसद में सांसद के रूप में शपथ लेते समय उन्होंने संविधान की जो प्रति अपने हाथ में थामी थी, वह असली थी या नकली।
शाह ने कहा, ‘‘गांधी ने हाल में कहा था कि देश को आरक्षण की जरूरत नहीं है लेकिन जब तक मोदी सरकार सत्ता में है, किसी में संविधान को छूने की हिम्मत नहीं है। एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण वैसा ही रहेगा जैसा हमेशा से है।’’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
शाह ने राकांपा (एसपी) प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर बनने के बाद शरद पवार अयोध्या नहीं गए क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक की ज्यादा चिंता थी।
शाह ने पड़ोसी कोल्हापुर जिले के इचलकरंजी में एक अन्य रैली में कहा कि विधानसभा चुनाव यह तय करेंगे कि ‘‘राज्य छत्रपति शिवाजी महाराज के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ेगा या (मुगल सम्राट) औरंगजेब के दिखाए रास्ते पर।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आपको यह तय करना होगा कि आप उन लोगों के साथ जाना चाहते हैं जिन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की या फिर उन लोगों का समर्थन करना चाहते हैं जो सनातन धर्म के समर्थन में मजबूती से खड़े हैं....क्या आप उन लोगों के साथ जाना चाहते हैं जिन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया या फिर उन लोगों का समर्थन करना चाहते हैं जिन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए काम किया।’’
उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के कुछ घटकों ने महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के फैसले का विरोध किया।
शाह ने कहा कि एक तरफ मोदी हैं जो विकास के लिए जाने जाते हैं और दूसरी तरफ राहुल गांधी एवं शरद पवार हैं जो विभाजन पैदा करने में विश्वास रखते हैं।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘एक तरफ विकास की चर्चा होती है, दूसरी तरफ जाति की चर्चा होती है। एक तरफ देश की प्रगति और इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की चर्चा होती है लेकिन दूसरी तरफ तीन परिवारों की प्रगति की चर्चा हो रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों की बात करने वाले उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम बदलने के फैसले का विरोध किया।
शाह ने दावा किया कि ठाकरे अब उन लोगों के साथ मेलजोल कर रहे हैं जो वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल में कर्नाटक में पूरे गांवों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया गया। मुझे बताइए, क्या हमें वक्फ अधिनियम में संशोधन नहीं करना चाहिए?’’
उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि श्रीनगर के लाल चौक पर जाने से उन्हें डर लगता था।
शाह ने कहा, ‘‘मैं उनसे कहना चाहूंगा कि अपने पोते-पोतियों को कश्मीर ले जाएं, कुछ नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कारण राहुल गांधी अब कश्मीर में मोटरसाइकिल चलाते हैं और अपनी बहन के साथ बर्फ के गोले से खेलते हैं।
भाषा सिम्मी