उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई की याचिका पर कर्नाटक सरकार, शिवकुमार से जवाब मांगा
देवेंद्र माधव
- 08 Nov 2024, 07:07 PM
- Updated: 07:07 PM
नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार से केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें कांग्रेस नेता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच के लिए जांच एजेंसी को दी गई सहमति वापस लेने संबंधी राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने शिवकुमार और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है।
सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली मौजूदा कर्नाटक सरकार ने 23 नवंबर, 2023 को शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को सहमति देने के पिछली भाजपा सरकार के कदम को कानून के अनुसार नहीं माना था और इसे वापस लेने का फैसला किया था।
सीबीआई और भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा दायर याचिका में कांग्रेस सरकार के सहमति वापस लेने के फैसले को चुनौती दी गई है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को कहा था कि याचिका ‘‘विचार योग्य नहीं’’ है।
पाटिल ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। शीर्ष अदालत ने शिवकुमार और राज्य सरकार से जवाब मांगा।
शीर्ष अदालत ने 17 सितंबर को विधायक की याचिका पर शिवकुमार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को याचिका खारिज कर दी थी जिसमें राज्य सरकार के 26 दिसंबर, 2023 के उस आदेश को भी चुनौती दी गई थी जिसके तहत 74.93 करोड़ रुपये के डीए मामले को जांच के लिए लोकायुक्त को भेजा गया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए 2013 से 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। इस अवधि के दौरान वह पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।
शिवकुमार को ईडी ने सितंबर 2019 में उनके खिलाफ 2017 और 2019 के बीच आयकर विभाग की जांच से उपजे कथित धन शोधन के आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया था। अक्टूबर, 2019 में उन्हें ईडी मामले में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने पांच मार्च को शिवकुमार के खिलाफ धन शोधन का मामला रद्द कर दिया था।
भाषा
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