कांग्रेस का भी वही हश्र होगा जो अनुच्छेद 370 और 35ए का हुआ : योगी आदित्यनाथ
जफर खारी
- 07 Nov 2024, 10:40 PM
- Updated: 10:40 PM
लखनऊ, सात नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पर निशाना साधते हुए अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने के दोनों दलों के आह्वान की कड़ी आलोचना की।
मुख्यमंत्री छठ पूजा के अवसर पर यहां लक्ष्मण मेला मैदान में अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इन अनुच्छेदों को बहाल करने का प्रस्ताव लाने के घटनाक्रम का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश और घाटी को फिर से आतंकवाद की आग में धकेलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इनसे जम्मू कश्मीर का विकास और वहां के बच्चों का उज्ज्वल भविष्य बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इनकी विघटनकारी नीतियों को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा। देश के 140 करोड़ वासी हर हाल में देश की एकता तथा अखंडता के लिए दृढ़ता से खड़े हैं और इससे खिलवाड़ करने वालों को मुहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।’’
आदित्यनाथ ने कहा कि अगर कांग्रेस इस प्रस्ताव का विरोध नहीं करती है तो उसका भी वही हश्र होगा जो अनुच्छेद 370 और 35ए का हुआ।
मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के महत्व पर भी प्रकाश डाला और राष्ट्रीय एकता तथा अखंडता की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम जाति, मजहब में बंट जाते हैं तो दूसरे हम पर राज करते हैं।’’
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘इन त्योहारों के माध्यम से हम सब एक साथ आते हैं, लेकिन भारत में रहने वाले कुछ लोग देश की पहचान को ही मिटा रहे हैं। किसी भी सच्चे भारतीय को यह बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। जब हम 140 करोड़ एक साथ बोलेंगे तो भारत की तरफ कोई नजर उठा कर नहीं देख पाएगा।’’
आदित्यनाथ ने कांग्रेस और नेकां की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कश्मीर में उनकी गतिविधियां ‘‘राष्ट्रीय एकता के प्रति खतरनाक अनादर को दर्शाती हैं, जिसे राष्ट्र कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।’’
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित प्रस्ताव की निंदा करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो उसका वही हश्र होगा जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए का हुआ।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पांच अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करके कश्मीर घाटी में आतंकवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद द्वारा स्वीकृत इस ऐतिहासिक निर्णय ने संविधान से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया। इसके बाद दुनिया ने एक नए शक्तिशाली भारत को देखा जो शांतिपूर्ण था लेकिन अपनी रक्षा के लिए दृढ़ था।’’
मुख्यमंत्री ने अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि राष्ट्र अपनी पहचान तथा एकता की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार है।
उन्होंने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर की आपत्ति के बावजूद कांग्रेस ने संविधान में अनुच्छेद 370 को शामिल किया, जिससे कश्मीर हिंसा और आतंकवाद के रास्ते पर चला गया।
आदित्यनाथ ने इसके बाद के घटनाक्रम को याद किया, जिसमें व्यापक हिंसा, कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएं और भारत के समर्थन में आवाज उठाने वाले किसी भी व्यक्ति पर क्रूर हमले शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने शुरू में अनुच्छेद 370 को ‘अस्थायी प्रावधान’ करार दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ही इसे खत्म करने का साहसिक कदम उठाया। आज कश्मीर नए शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, उद्योग और सुरक्षा की नई भावना के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर है।’’
आदित्यनाथ ने कहा कि अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो सकता और न ही होगा। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक हिंसा, आतंकवाद और असंख्य निर्दोष लोगों के नरसंहार का मूल कारण था।
उन्होंने कहा कि इसने धार्मिक चरमपंथ को बढ़ावा देकर और क्षेत्र को आतंकवाद का गढ़ बना दिया जिसने कश्मीर के सामाजिक सद्भाव और सौंदर्य को नष्ट कर दिया।
भाषा जफर