आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है सरकार : अमित शाह
शफीक मनीषा
- 07 Nov 2024, 02:51 PM
- Updated: 02:51 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार देश में आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके खिलाफ ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है।
शाह ने यह भी कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन आतंकवाद की कोई क्षेत्रीय सीमा नहीं होती, इसलिए सभी सुरक्षा एजेंसियों - केंद्रीय और राज्य - को निकट समन्वय के साथ काम करना चाहिए, संयुक्त रणनीति बनानी चाहिए और खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए।
गृह मंत्री ने यहां एक आतंकवाद-निरोधक सम्मेलन में कहा कि सुरक्षा बलों को युवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करना पड़ेगा और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। हम आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
गृह मंत्री ने कहा कि अब पूरी दुनिया ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रधानमंत्री मोदी की नीति को स्वीकार कर लिया है।
वर्ष 2014 से आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए शाह ने पिछले दशकों की तुलना में आतंकी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी होने का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा पर काफी हद तक नियंत्रण किया गया है।
शाह ने सम्मेलन में राज्य पुलिस बलों के प्रतिनिधियों, जिनमें से अधिकतर डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं, से कहा कि जहां भी आवश्यक हो, वहां वे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू करें।
गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की आतंकवाद-निरोधी जांच एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सभी आतंकी मामलों में यूएपीए का इस्तेमाल करती है और इसके परिणामस्वरूप अब तक इसके द्वारा दर्ज 632 मामलों में से 498 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है और लगभग 95 प्रतिशत मामलों में सजा हुई है।
बृहस्पतिवार को यहां शुरू हुए दो दिवसीय आतंकवाद-निरोधक सम्मेलन से भारत के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए एजेंसियों के बीच समन्वय को और बढ़ाने की उम्मीद है।
यह वार्षिक सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में परिचालन बलों, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद से निपटने में लगी एजेंसियों के लिए एक बैठक स्थल के रूप में उभरा है, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों पर विचार-विमर्श किया जाता है।
भाषा
शफीक