ट्रंप की जीत से भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे: सिंधिया
माधव
- 06 Nov 2024, 06:26 PM
- Updated: 06:26 PM
नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के बाद भारत और अमेरिका के संबंध और मजबूत होंगे क्योंकि दोनों देशों के बीच सहयोग पर्यावरण से लेकर प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र तक फैला हुआ है।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में ट्रंप ने अमेरिकी विदेश नीति में सुधार की बात कही थी, जिसमें ‘अमेरिका फर्स्ट (प्रथम)’ के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। उन्होंने विदेशी वस्तुओं पर शुल्क लगाने की भी बात की थी जिसे लेकर नयी दिल्ली में चिंताएं बढ़ गई थीं।
सिंधिया की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि भारत इस बात को लेकर आशावादी है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे मजबूत सैन्य ताकत के साथ निर्बाध व्यापार और आर्थिक संबंध बनाये रखेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ट्रंप को चुनाव में उनकी जीत पर बधाई देने के बाद भारत सरकार के किसी महत्वपूर्ण मंत्री द्वारा की गई यह पहली टिप्पणी है।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है, जिसका कुल वार्षिक व्यापार 190 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
सिंधिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका-भारत संबंध बहुत मजबूत आधार पर आगे बढ़ेंगे।’’
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक में भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हुए हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ा है और आर्थिक प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि साथ ही कई वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध भी मजबूत हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दशक में जब से प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के साथ स्वतंत्र संबंध स्थापित किए हैं, तब से ये संबंध और भी मजबूत रूप ले चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप न केवल व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में बहुत अधिक प्रगति हुई है, बल्कि कई वैश्विक मुद्दों पर रणनीतिक संबंध भी विकसित हुए हैं।’’
ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान आरोप लगाया था कि भारत विदेशी उत्पादों पर सबसे अधिक शुल्क (टैरिफ) लगाता है और सत्ता में आने पर उन्होंने भी इसी तरह का शुल्क लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी।
सिंधिया ने कहा कि पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष से लेकर रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के अलावा भारत और अमेरिका ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे अमेरिकी रक्षा कंपनियों को चिप की आपूर्ति की जायेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में एक फैब (सेमीकंडक्टर उत्पादन इकाई) स्थापित करने जा रहे हैं, जिससे अमेरिकी रक्षा विनिर्माण कंपनियों को चिप की आपूर्ति की जा सके।’’
अमेरिकी विदेश विभाग ने अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा और नवाचार (आईटीएसआई) कोष के तहत वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में विविधता लाने के लिए भारत के साथ साझेदारी की है।
साझेदारी के प्रारंभिक चरण में भारत के मौजूदा सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र और नियामक ढांचे के साथ-साथ कार्यबल और बुनियादी ढांचे की जरूरतों का व्यापक मूल्यांकन शामिल है।
भाषा
देवेंद्र