सी-ग्रेड हिंदी फिल्म के खलनायक वाले संवाद प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देते: कांग्रेस
नरेश
- 05 Nov 2024, 06:22 PM
- Updated: 06:22 PM
नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा झारखंड में की गई एक टिप्पणी का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें अपने पद की मर्यादा और इकबाल का ख्याल रखना चाहिए।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि सी-ग्रेड हिंदी फिल्मों के खलनायक वाले संवाद प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देते।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को झारखंड की एक चुनावी सभा में सत्तारूढ़ गठबंधन पर तुष्टिकरण की नीति को चरम पर पहुंचाने का आरोप लगाया और उन्हें ‘घुसपैठिया समर्थक’ और ‘माफिया का गुलाम’ करार देते हुए कहा कि अगर उनकी यही ‘कुनीति’ जारी रही तो राज्य में आदिवासी समाज का दायरा सिकुड़ जाएगा।
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दे पर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन को घेरा और दावा किया कि आज झारखंड में हर तरफ ‘रोटी-बेटी-माटी की पुकार, झारखंड में भाजपा-राजग की सरकार’ की ही गूंज है।
खेड़ा ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘सर्दी धीरे धीरे बढ़ रही है। पारा धीरे धीरे गिर रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री की भाषा का स्तर बहुत तेज़ी से गिरता चला जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भैंस, मटन, मछली, मंगलसूत्र, मुसलमान से शुरू हुए थे, अब झारखंड चुनाव में आते आते बेटी और रोटी तक आ गए।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपका व्यक्तिगत सम्मान तो अब कुछ ज़्यादा बचा नहीं, अपनी कुर्सी का कुछ लिहाज़, कुछ इक़बाल तो बचा रहने दीजिए।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अब ‘घुसपैठिया’ सरकार की बात कर रहे हैं कि यह आपकी बेटियों और भोजन को छीन लेगी। लेकिन सीमा सुरक्षा तो उनके अधीन है और 10 साल से अधिक समय से सरकार में हैं। आप तो बीएसएफ, गृह मंत्री (अमित शाह), राजनाथ (रक्षा मंत्री) सिंह या आप अपनी विदेश नीति की आलोचना कर रहे हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ऐसे बयानों से गृह मंत्री अमित शाह की सरेआम आलोचना कर रहे हैं?
उन्होंने दावा किया, ‘‘उनके बीच जो भी मतभेद हों, उन्हें अपनी भाषा सुधारनी चाहिए। ऐसी भाषा और संवाद प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘इस तरह के संवाद एक सी-ग्रेड हिंदी फिल्म के सस्ते खलनायक द्वारा बोले जाते हैं, यह उन्हें शोभा नहीं देते। आपको अपनी भाषा में सुधार करना चाहिए।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘कृपया आपके पास जो समय बचा है, उस समय में इस मर्यादा को बनाए रखें। कृपया इसे ध्यान में रखें।’’
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