स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार करने के प्रयास जारी: नीति आयोग के सदस्य पॉल
निहारिका अजय
- 05 Nov 2024, 04:52 PM
- Updated: 04:52 PM
नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल ने मंगलवार को कहा कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए इसमें नई ऊर्जा फूंकने को प्रतिबद्ध है।
‘फिक्की हील 2024’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए पॉल ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का मतलब 32,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय को मौजूदा 2,500 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 18,000 डॉलर करना भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सिर्फ एक योजना नहीं चला रहे हैं, बल्कि संपूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं..जो भविष्य के लिए तैयार होगी और 2047 तक हमारे देश को विकसित बनाने की यात्रा में मददगार होगी।’’
पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र इस यात्रा का आधार होगा और इसे अन्य क्षेत्रों से आगे निकलने का प्रयास करना चाहिए।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल को रेखांकित करते हुए पॉल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि नई प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाए।
उन्होंने उद्योग जगत से इसके लिए आगे आने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘...हम चाहते हैं कि भारत न केवल स्वास्थ्य के लिए एआई का सबसे बड़ा उपभोक्ता बने, बल्कि स्वास्थ्य के लिए एआई का सबसे बड़ा निर्माता भी बने।’’
पॉल ने कहा कि सरकार भारत में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए काम कर रही है, जिससे 2047 तक औसत जीवनकाल 71 वर्ष से बढ़कर 85 वर्ष हो जाएगा, साथ ही चिकित्सकीय अनुपात तथा अस्पताल बिस्तर अनुपात में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत योजना के विस्तार के लिए अधिक क्षमता सृजित कर रही है, जिसके अंतर्गत अब 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार बुजुर्गों को सम्मान के साथ सेवाएं मुहैया कराने के लिए अतिरिक्त क्षमता के साथ तैयार है।’’
भाषा निहारिका