हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे चंडी घाट पर ‘गंगा उत्सव’ की शुरुआत
संतोष अमित
- 04 Nov 2024, 11:26 PM
- Updated: 11:26 PM
देहरादून, चार नवंबर (भाषा) केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने सोमवार को हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे चंडी घाट पर आठवें ‘गंगा उत्सव’ का उद्घाटन किया और इसे करोड़ों भारतीयों की आस्था का प्रतीक बताया।
‘गंगा उत्सव’ का आयोजन हर साल किया जाता है, लेकिन अबकी इसे पहली बार नदी के तट पर आयोजित किया गया है। यह उत्सव गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में मनाया जाता है।
प्रत्येक राज्य ने जिला गंगा समितियों द्वारा आयोजित एक मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी की।
उत्सव का प्राथमिक उद्देश्य नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर जोर देना और स्वच्छता के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है।
इस अवसर पर जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, उत्तराखंड की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्य और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी भी उपस्थित थीं।
गंगा नदी को ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित करने की वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा गंगा उत्सव 2024 का आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को साझा किया कि इस देश के 60 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने वाली गंगा नदी मां के रूप में पूजनीय हैं और यह बिना कुछ लिए नि:स्वार्थ रूप से देती हैं।
पाटिल ने कहा कि नदियों को मां के रूप में सम्मान देना भारतीय संस्कृति के मूल में निहित है और गंगा का संरक्षण प्रधानमंत्री की एक नेक पहल है।
प्रधानमंत्री बनने पर मोदी ने कहा था,‘‘मां गंगा ने मुझे बुलाया है।’’ पाटिल ने इसे याद करते हुए कहा कि तब से उन्होंने गंगा के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने और सार्वजनिक समर्थन जुटाने के लिए अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है।
पाटिल ने ‘गंगा महिला राफ्टिंग अभियान’ को भी हरी झंडी दिखाई। 50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे स्थित नौ प्रमुख शहरों और कस्बों से गुजरते हुए गंगा सागर में समाप्त होगा।
इस अवसर पर उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ‘रिवर राफ्टिंग टीम’ को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि गंगा उत्सव नदी संरक्षण के लिए समर्पित एक अनूठा उत्सव है, जिसमें गंगा के संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘नदियां सिर्फ जल का स्रोत नहीं हैं, बल्कि ‘पवित्र और अत्यंत महत्वपूर्ण भी हैं, विशेषकर मां गंगा, जो हम सभी को एकजुट करती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नदी की स्वच्छता और संरक्षण सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।
‘नमामि गंगे’ पहल के माध्यम से बिहार में 39 ‘सीवेज शोधन संयंत्र’ (एसटीपी) के लिए 7,144 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 17 पहले ही पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि संरक्षण प्रयास गंगा की सहायक नदियों पर भी केंद्रित हैं।
भाषा संतोष