अगर मैं राज्य का गृह मंत्री होता तो स्थिति अलग होती: उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण
योगेश प्रीति
- 04 Nov 2024, 11:18 PM
- Updated: 11:18 PM
पिथापुरम, चार नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सोमवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर वह राज्य के गृह मंत्री होते तो स्थिति अलग होती।
पवन कल्याण की इस टिप्पणी को राज्य की गृह मंत्री वांगलापुडी अनिता की प्रत्यक्ष रूप से आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है।
पिथापुरम निर्वाचन क्षेत्र के गोल्लाप्रोलु में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कल्याण ने अनिता से जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कहा।
कल्याणा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानून व्यवस्था मॉडल का जिक्र करते कहा, “इन अपराधियों से उसी तरह निपटा जाना चाहिए, जैसा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासन में निपटा जा रहा है। तब तक वे नहीं सुनेंगे।’’
आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में पवन कल्याणा पंचायत राज, वन और पर्यावरण विभाग संभाल रहे हैं।
कल्याण ने कहा, “मैं गृह मंत्री अनिता से कहना चाहता हूं कि आप गृह मंत्री हैं...कृपया गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालिए। अगर मैं गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहा होता तो स्थिति अलग होती, यह याद रखिए।’’
कल्याण की इन टिप्पणियों को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि यदि जरुरत पड़ी तो उन्हें यह भूमिका संभालने का अधिकार है।
कल्याण ने कानून व्यवस्था से संबंधित मुद्दों, विशेषकर तिरुपति जिले में एक रिश्तेदार द्वारा चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद यह टिप्पणी की है।
पवन कल्याण ने पुलिस की आलोचना करते हुए दावा किया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य की उपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि अपराधियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता।
उन्होंने पुलिस से सवाल करते हुए कहा, “हमें पुलिस अधिकारियों को कितनी बार बताना चाहिए? गिरफ्तारी में जाति क्यों बाधा बननी चाहिए? जब तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की गई तो आप जाति का मुद्दा क्यों उठा रहे हैं? आप क्या कह रहे हैं? आपने आईपीएस की पढ़ाई की है, क्या भारतीय दंड संहिता में आपको अपराधियों का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है?’’
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) नेताओं पर निशाना साधते हुए कल्याण ने उन पर सोशल मीडिया पर दुष्कर्म की धमकियों को अभिव्यक्ति की आजादी बताकर बचाव करने का आरोप लगाया।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और जिला अधिकारियों को सीधे संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विकास के लिए कानून व्यवस्था जरूरी है और उनसे इस जिम्मेदारी को नजरअंदाज न करने का आग्रह किया।
कल्याण ने पुलिस को जाति या संबंधों के आधार पर किसी को न बचाने की सलाह देते हुए कहा कि वह इस तरह के पक्षपात का समर्थन नहीं करते।
भाषा
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