शिवकुमार के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई की सहमति वापस लेने संबंधी याचिका पर सुनवाई स्थगित
आशीष रंजन
- 04 Nov 2024, 04:05 PM
- Updated: 04:05 PM
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सहमति वापस लेने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई सोमवार को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सुनवाई तब स्थगित कर दी जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई ने भी कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है।
शीर्ष अदालत भाजपा विधायक बसनगौड़ा आर पाटिल (यतनाल) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने सहमति वापस लेने के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज करने वाले 29 अगस्त के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ को सूचित किया कि सीबीआई की अपील अभी तक सूचीबद्ध नहीं हुई है, वहीं शिवकुमार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
शीर्ष अदालत ने 17 सितंबर को विधायक की याचिका पर शिवकुमार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
राज्य सरकार ने शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच के लिए एजेंसी को दी गई सहमति वापस ले ली थी। कांग्रेस नीत सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर 29 अगस्त को उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह विचार योग्य नहीं है।
अदालत ने 23 नवंबर, 2023 को राज्य सरकार के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें कथित 74.93 करोड़ रुपये के डीए मामले को जांच के लिए लोकायुक्त को भेजा गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए 2013 से 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।
बाद में, जब राज्य में भाजपा सत्ता में आई, तो उसकी सरकार ने शिवकुमार पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी। सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली मौजूदा कर्नाटक सरकार ने 23 नवंबर, 2023 को शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को सहमति देने के पिछली भाजपा सरकार के कदम को अवैध करार दिया था और इसे वापस लेने का फैसला किया था।
भाषा आशीष