राजस्थान की भाजपा सरकार के लिए बड़ी 'अग्नि परीक्षा' है सात सीटों पर होने वाला उपचुनाव
पृथ्वी नरेश रंजन
- 04 Nov 2024, 03:04 PM
- Updated: 03:04 PM
जयपुर, चार नवंबर (भाषा) राजस्थान में विधानसभा की सात सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव लगभग एक साल पहले प्रदेश में बनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के लिए बड़ी 'अग्निपरीक्षा' होंगे।
प्रदेश की भाजपा सरकार पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आई थी। हालांकि, सत्ता में आने के एक महीने बाद ही भाजपा को करणपुर विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद पार्टी को एक और झटका लोकसभा चुनाव में लगा जब राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से उसे 11 पर हार का सामना करना पड़ा। 2014 के लोकसभा चुनावों में ये सभी सीटें भाजपा के पास थीं।
लोकसभा चुनाव के परिणामों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के 'कार्य प्रदर्शन' पर सवालिया निशान लगा दिया जो पहली बार विधायक बने हैं और जिन्हें पार्टी आलाकमान ने वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा जैसे दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री बनाया था।
राज्य में सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिये 13 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम 23 नवंबर को आएंगे। इन उपचुनाव को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए भी पहली परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है जिन्होंने जून में लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में पार्टी की कमान संभाली थी।
राज्य की झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूम्बर और रामगढ़ सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है। इनमें से चार कांग्रेस के पास थीं जबकि भाजपा, भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के पास एक-एक सीट थी। उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार धीरे धीरे जोर पकड़ रहा है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शर्मा और दूसरे पार्टी नेताओं ने कई रैलियों को संबोधित करते हुए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा किए गए काम की चर्चा की और कांग्रेस पर निशाना साधा।
खींवसर में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के 10 महीने के भीतर अपने 50 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस लूट और झूठ की पार्टी है। इसने अपने किसी भी चुनावी वादे को पूरा नहीं किया, जबकि हमने महज 10 महीने में चुनाव घोषणापत्र में किए गए 50 फीसदी वादों को पूरा कर दिया है।" उन्होंने कहा कि बाकी वादों को भी पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पेपर लीक "माफियाओं" के खिलाफ कार्रवाई की और 200 से अधिक आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और यमुना जल समझौते के संबंध में "ऐतिहासिक" फैसले लिए हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राठौड़ ने दावा किया है कि उपचुनाव में भाजपा सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने रविवार को चूरू के सालासर बालाजी के दौरे के दौरान कहा, 'उपचुनाव में भाजपा की सभी सातों सीटों पर जीत से जहां सरकार को ओर अधिक मजबूती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं के उत्साह में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलेगी।'
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रीति और नीति में देश का युवा विश्वास जता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से देश की आंतरिक और ब्राह्य सुरक्षा को मजबूत करने का काम किया है, उसी प्रकार वैश्विक पटल पर भी राष्ट्र का मान बढ़ाया है।’’
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राज्य के लोग भाजपा से "तंग" आ चुके हैं और राज्य में सत्ता के कई केंद्र हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा इस्तीफे के बाद पिछले तीन महीने से मुख्यमंत्री एवं मीणा के बीच संवाद नहीं है। हालांकि, भाजपा द्वारा मीणा के भाई को दौसा से टिकट दिए जाने के बाद मीणा, मुख्यमंत्री शर्मा के साथ "भरत मिलाप" कर रहे थे।
पूर्वी राजस्थान में भाजपा के लोकसभा सीटों पर हार के बाद मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।
डोटासरा ने कहा, "भाजपा को बिजली, पानी, किसानों को खाद उपलब्ध कराने और लोगों के लिए सड़कें बनाने की चिंता नहीं है। उसे केवल अपने स्वार्थों को पूरा करने की चिंता है।"
उन्होंने कहा, "आज भाजपा सरकार ईआरसीपी की बात कर रही है, जबकि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के वादे के बावजूद इस परियोजना को पांच साल तक लटकाए रखा। उस समय कांग्रेस सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके इस परियोजना पर काम करवाया था।"
डोटासरा ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस उपचुनाव वाली सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
राजस्थान में दो विधायकों के निधन और पांच के लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद सात सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के 114, कांग्रेस के 65, भारत आदिवासी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो और राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक है। इसके अलावा आठ निर्दलीय विधायक हैं।
भाषा पृथ्वी नरेश