मुझे व्हाइट हाउस नहीं छोड़ना चाहिए था: ट्रंप ने 2020 के चुनाव पर कहा
सुरभि मनीषा
- 04 Nov 2024, 10:33 AM
- Updated: 10:33 AM
(मानस प्रतिम भुइयां)
वाशिंगटन, चार नवंबर (भाषा) अमेरिका में मंगलवार को 47वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान होगा। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है।
माना जा रहा है कि यह मुकाबला ऐतिहासिक होने वाला है और इतिहास में पिछले कई दशकों में व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) के लिए सबसे करीबी मुकाबले के रूप में दर्ज होने वाला है।
चुनाव के दिन की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (78) ने 2020 के चुनाव की कड़वी यादें ताजा करते हुए कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस नहीं छोड़ना चाहिए था। उनके इस बयान से यह आशंका पैदा हो गई कि अगर वह हैरिस (60) से चुनाव हार गए तो शायद वह पांच नवंबर के मतदान के नतीजे को स्वीकार नहीं करेंगे।
पूर्व राष्ट्रपति ने पेंसिल्वेनिया के लिटिट्ज में एक रैली में कहा, ‘‘मुझे (व्हाइट हाउस से) नहीं जाना चाहिए था। मैं ईमानदारी से कह रहा हूं, क्योंकि... हमने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था।’’
चुनाव के बाद जो बाइडन सत्ता में आए। ट्रंप ने मतदान प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप लगाया और परिणाम को अदालत में चुनौती दी, जिसने उनके दावों को खारिज कर दिया।
मिशिगन जैसे महत्वपूर्ण चुनावी राज्य में अपने समापन भाषण में हैरिस ने कहा कि वह सभी अमेरिकियों की राष्ट्रपति बनेंगी। उन्होंने ‘‘घृणा और विभाजन’’ से ऊपर उठने की आवश्यकता पर बात की, जबकि ट्रंप ने अपने डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना हमला जारी रखा।
उपराष्ट्रपति हैरिस ने मिशिगन में अपनी रैली में कहा, ‘‘यह हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव होने जा रहा है और माहौल हमारे पक्ष में है, क्या आप इसे महसूस कर सकते हैं।’’
हैरिस ने अपनी टिप्पणियों में गाजा में युद्ध का भी जिक्र किया, जिसे राज्य में अरब अमेरिकी मतदाताओं तक पहुंचने के प्रयास के रूप में देखा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘गाजा में मृत्यु और विनाश के पैमाने को देखते हुए तथा लेबनान में आम नागरिकों के मारे जाने और विस्थापन को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह वर्ष मुश्किल भरा रहा है। यह विनाशकारी है।’’
अमेरिका भर में प्रारंभिक और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, रविवार तक 7.5 करोड़ से अधिक अमेरिकी लोग अपने वोट डाल चुके हैं।
पूरे प्रचार अभियान के दौरान हैरिस इस चुनाव को देश की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले चुनाव के रूप में पेश कर रही हैं, जबकि ट्रंप अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और अमेरिका को अवैध प्रवासियों से मुक्ति दिलाने का वादा कर रहे हैं।
आयोवा में एक चुनावी सर्वेक्षण में हैरिस ट्रंप के खिलाफ 44 के मुकाबले 47 प्रतिशत से बढ़त बनाए हुई हैं जो कि ट्रंप के लिए निराशाजनक और उपराष्ट्रपति के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।
ट्रंप ने इस सर्वेक्षण को तुरंत खारिज कर दिया और कहा कि यह डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में है।
लिटिट्ज में अपने भाषण में ट्रंप ने बाइडन-हैरिस प्रशासन की आव्रजन नीति को लेकर सवाल खड़ा किया और इस बात का विशेष तौर पर जिक्र किया कि जब वह व्हाइट हाउस में थे तो कैसे देश की सीमाएं सुरक्षित थीं।
रैली में ट्रंप ने हैरिस पर भी निशाना साधा और डेमोक्रेटिक पार्टी पर ‘‘भ्रष्ट तंत्र’’ होने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सब भ्रष्ट हैं। वह (हैरिस) भ्रष्ट हैं। मैं पूरी तरह से भ्रष्ट एक व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में उनके खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं। मैं डेमोक्रेटिक पार्टी नामक एक ‘‘भ्रष्ट तंत्र’’ के खिलाफ लड़ रहा हूं।’’
सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जहां 19 निर्वाचक मंडल वोट हैं। इसके बाद नॉर्थ कैरोलाइना और जॉर्जिया में 16-16, मिशिगन में 15 और एरिजोना में 11 निर्वाचक मंडल वोट हैं।
अन्य अहम राज्यों में विस्कॉन्सिन में 10 तथा नेवादा में छह निर्वाचक मंडल वोट हैं।
भाषा सुरभि