वक्फ भूमि मामले में किसानों को जारी नोटिस वापस लिए जाएं : सिद्धरमैया
राजकुमार रंजन
- 02 Nov 2024, 10:30 PM
- Updated: 10:30 PM
(फाइल फोटो के साथ)
बेंगलुरु, दो नंवबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को अधिकारियों को वक्फ भूमि के संबंध में किसानों को भेजे गये सभी नोटिस तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया।
राजस्व विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय किया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने वक्फ भूमि के बारे में भेजे गये सभी नोटिस तत्काल वापस लेने का सख्त निर्देश जारी किया है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो।’’
बयान के अनुसार सिद्धरमैया ने कुछ अधिकारियों के हाल के कृत्य पर असंतोष जताया और इस बात पर चिंता व्यक्त की कि जनता दल (एस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कथित तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए वक्फ मुद्दे का इस्तेमाल कर सकती हैं जिससे राज्य में शांति भंग होने की आशंका है।
बयान में कहा गया है, ‘‘सिद्धरमैया ने लोगों से दुष्प्रचार की अनदेखी करने की अपील की और अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ इस मामले को संभालने का निर्देश दिया।’’
बयान में इस बात पर भी जोर दिया गया कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े भूमि अभिलेखों के बारे में किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस तुरंत वापस लिए जाएं। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे किसानों को उनके कब्जे वाली जमीन को लेकर परेशान न करें।
मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया कि बिना किसी पूर्व सूचना या कानूनी प्रक्रिया के भूमि अभिलेखों (पहानी या आरटीसी) में किए गए किसी भी अनधिकृत बदलाव को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
इस बैठक में कर्नाटक के कानून एवं संसदीय कार्यमंत्री एच के पाटिल, राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने विजयपुरा में लोगों को फिर आश्वासन दिया कि वक्फ अधिनियम के तहत जारी सभी नोटिस वापस ले लिए जाएंगे, जैसा कि उन्होंने शुक्रवार को उनसे कहा था।
इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा था कि सभी जिला उपायुक्तों को वक्फ कानून के तहत किसानों को नोटिस नहीं देने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भूराजस्व रिकॉर्ड को अंतिम माना जाएगा और प्रशासनिक कार्रवाई उनके अनुरूप होगी।
परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को ऐसे किसी नोटिस या पत्र को वापस लेने का निर्देश दिया है। अब यह मामला सुलझ गया है, लेकिन हम भविष्य के संभावित घटनाक्रम को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।’’
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि वक्फ से संबंधित मुद्दे वक्फ अदालतों की शुरुआत के बाद उठने लगे। उनके अनुसार वक्फ अदालत की कानूनी वैधता नहीं है।
भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष सूर्या ने कहा, ‘‘ समस्या तब शुरू हुई जब अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड ज़मीर अहमद खान ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निर्देश पर वक्फ अदालतें आयोजित करना शुरू कर दिया।’’
सूर्या ने दावा किया कि जिला पंचायत के सीईओ ने अपने अधीनस्थों को एक पत्र जारी कर कहा, "ये कदम मुख्यमंत्री और वक्फ मंत्री के निर्देश पर उठाए गए हैं।"
उन्होंने वक्फ अदालतों के उद्गम और वैधता पर सवाल उठाते हुए पूछा, ‘‘किस कानून के तहत और भारतीय संविधान के किस प्रावधान के आधार पर किसानों को और 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवेश्वर से संबंधित संपत्तियों को ये नोटिस जारी किए गए?’’
भाषा राजकुमार