भारत ने खुद को साइबर खतरा पैदा करने वाले देशों की सूची में डालने के लिए कनाडा की आलोचना की
जोहेब नेत्रपाल
- 02 Nov 2024, 09:28 PM
- Updated: 09:28 PM
नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) भारत ने साइबर खतरा पैदा करने वाले देशों की सूची में अपना नाम शामिल होने के बाद शनिवार को कनाडा की आलोचना की और कहा कि यह ‘‘वर्गीकरण’’ देश को निशाना बनाने की कनाडा की रणनीति का एक और उदाहरण है।
साइबर सुरक्षा को लेकर कनाडा के तकनीकी प्राधिकरण ‘कैनेडियन सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी’ की ओर से जारी राष्ट्रीय साइबर खतरा आकलन 2025-2026 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा प्रायोजित तत्व जासूसी के मकसद से कनाडा के सरकारी नेटवर्क के लिए साइबर खतरा पैदा करने वाली गतिविधियां कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर पूछे गए सवालों के जवाब में पत्रकारों से कहा कि कनाडा के वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘‘खुले तौर पर स्वीकार किया है’’ कि वे ‘‘भारत के खिलाफ वैश्विक विमर्श को प्रभावित करने’’ की कोशिश कर रहे हैं और पहले की तरह ‘‘बिना किसी सबूत के’’ आरोप लगाए जा रहे हैं।
तीस अक्टूबर की रिपोर्ट में ‘देश विरोधियों से होने वाला साइबर खतरा’ श्रेणी शामिल है, जिसमें चीन को साइबर सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है। चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के बाद भारत को इस सूची में पांचवें नंबर पर रखा गया है। यह पहली बार है जब भारत को इस सूची में शामिल किया गया है।
जायसवाल ने कहा, ‘‘कनाडा ने भारत को एक अन्य श्रेणी में डाल दिया है। उनकी साइबर रिपोर्ट के आधार पर यह वर्गीकरण किया गया है। यह भारत को निशाना बनाने की कनाडा की रणनीति का एक और उदाहरण प्रतीत होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि वे भारत के खिलाफ वैश्विक विमर्श को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, पहले की तरह बिना किसी सबूत के आरोप लगाए जा रहे हैं।’’
भारत को ऐसी श्रेणी में रखे जाने को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आप पहले बेतुकी और निराधार बातें कहते हैं और फिर हमारे खिलाफ इस तरह का आरोप लगाते हैं। यह बिलकुल सही नहीं है।’’
यह रिपोर्ट दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद के बीच जारी की गई है।
पिछले वर्ष सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण होने शुरू हो गए थे।
भाषा जोहेब