दिल्ली में सीआरपीएफ स्कूल में हुए विस्फोट के मामले में 50 लोगों से पूछताछ
जोहेब नेत्रपाल
- 02 Nov 2024, 08:52 PM
- Updated: 08:52 PM
नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने रोहिणी में सीआरपीएफ स्कूल में हुए विस्फोट से पहले वहां देखे गए 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। जिन लोगों से पूछताछ की गई उनमें एक स्थानीय निवासी भी शामिल है, जिसने विस्फोट से कुछ मिनट पहले घटनास्थल पर सिगरेट का बचा हुआ पिछला हिस्सा फेंका था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा, “अभी यह पता नहीं चल पाया है कि विस्फोट सिगरेट के टुकड़े के कारण हुआ या नहीं, क्योंकि हमें अभी यह नहीं पता कि विस्फोटक कैसा था।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट का भी इंतजार है।
अधिकारी के अनुसार, विस्फोट से 10 दिन पहले की सीसीटीवी फुटेज में स्कूल के पास 50 से अधिक लोगों को देखा गया था, लेकिन उनमें से कोई भी संदिग्ध नहीं पाया गया है।
अधिकारी ने कहा कि अपने कुत्ते को टहला रहा एक व्यक्ति घटनास्थल पर दिखा अंतिम व्यक्ति था जिसे सिगरेट पीते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद उसने सिगरेट का बचा हुआ पिछला हिस्सा फेंक दिया और चला गया।
अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, कुछ मिनट बाद विस्फोट हो गया।
उन्होंने कहा कि प्रशांत विहार के निवासी उस व्यक्ति से पूछताछ की गई है और पुलिस को विस्फोट में उसकी संलिप्तता होने का कोई संदेह नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 20 अक्टूबर को रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में स्कूल की दीवार में जोरदार विस्फोट हुआ था। हालांकि विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आसपास की दुकानों के होर्डिंग और इलाके में खड़ी कुछ गाड़ियों की खिड़कियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए थे।
पुलिस को संदेह है कि विस्फोट एक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के कारण हुआ था।
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब तक दस दिन की सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की गई है, जिसमें घटनास्थल के पास 50 से अधिक लोगों को देखा गया है। उन्होंने कहा, “सभी से पूछताछ की गई है और कोई भी संदिग्ध नहीं पाया गया है।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस ने अब भी मामले में आतंकी पहलू की आशंका से इनकार नहीं किया है।
विस्फोट के बाद, दिल्ली पुलिस की फॉरेंसिक टीम और एनएसजी के विशेषज्ञों ने घटनास्थल से नमूने एकत्र किए थे। घटना के एक दिन बाद, पुणे से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टीम ने भी घटनास्थल का दौरा किया और नमूने एकत्र किए।
खालिस्तान समर्थक एक समूह ने विस्फोट की सीसीटीवी फुटेज को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि यह विस्फोट भारतीय एजेंटों द्वारा खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को कथित तौर पर ‘‘निशाना’’ बनाए जाने का बदला लेने के लिए किया गया है।
भाषा जोहेब