बसपा की वजह से भाजपा और सपा की नींद उड़ी, ध्यान बांटने के लिए नारे गढ़ रहे : मायावती
आनन्द जितेंद्र
- 02 Nov 2024, 07:38 PM
- Updated: 07:38 PM
लखनऊ, दो नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उपचुनावों में उनकी पार्टी के मैदान में होने से दोनों दलों की नींद उड़ गयी है इसलिए दोनों पार्टियों के नेता ध्यान बांटने के लिए नारे गढ़ रहे हैं।
मायावती ने प्रदेश में भाजपा और सपा के बीच गठबंधन का आरोप लगाया।
बसपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाल में दिये भाषणों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और सपा के ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ जैसे नारों पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को कहा कि हर मामले में इनकी (भाजपा व सपा) दोगली सोच व नीतियों को ध्यान में रखकर वास्तव में होना यह चाहिए कि ‘बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे।’
मायावती ने पत्रकारों से कहा, “जबसे उप्र में नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव घोषित हुए हैं तब से भाजपा और सपा की नींद उड़ी हुई है क्योंकि इस बार सभी सीट पर बसपा भी अकेले यह चुनाव लड़ रही है।”
मायावती ने कहा, “काफी समय से एक-दो उपचुनाव को छोड़कर बसपा अधिकांश उप चुनाव नहीं लड़ी है तबसे खासकर भाजपा और सपा तथा इनका गठबंधन इन उपचुनावों में आपस में मिल बांटकर चुनाव लड़ते रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “लेकिन इस बार जब बसपा भी मैदान में डंटी है तो इन दोनों के गठबंधन की परेशानी बढ़ गयी है।”
बसपा प्रमुख ने दावा किया, “जनता का ध्यान बांटने के लिए अब भाजपा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और सपा के लोग ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ जैसे नारों को प्रचारित करने में लग गये हैं। इनके हर मामले में दोगली सोच व नीतियों को ध्यान में रखकर वास्तव में होना यह चाहिए कि बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे।”
उन्होंने बसपा के शासन में बेहतर कानून व्यवस्था व विकास का दावा करते हुए कहा, “हालांकि प्रदेश में विकास व कानून व्यवस्था के मामले में भाजपा और पूर्व की सपा सरकार की तुलना में केवल बसपा का ही शासनकाल काफी बेहतरीन रहा है।”
मायावती ने जनता को आगाह करते हुए कहा, “ऐसे में हवा हवाई नारों व पोस्टरबाजी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। अब भाजपा के लोग अपनी कमियों की वजह से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा लगाकर वोट मांग रहे वहीं सपा के लोग यह नारा लगाकर यह वोट मांग रहे कि ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ जबकि इनकी (नारों) आड़ में दोनों पार्टियां यहां के लोगों को गुमराह कर रही हैं।”
उन्होंने मतदाताओं को सावधान करते हुए कहा कि ये लोग कमियों से ध्यान बांटने के लिए नारेबाजी और पोस्टरबाजी कर रहे हैं। बसपा प्रमुख ने लोगों को आगाह करते हुए कहा, “ऐसा यहां की जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है, जिससे इन (नौ विधानसभा) क्षेत्रों के मतदाताओं को सावधान रहना बहुत जरूरी है।”
मायावती ने सपा पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा, “सपा की पूर्व सरकार में यहां अधिकारी नहीं बल्कि सपा के गुंडे, बदमाश माफिया ही ज्यादातर सरकार चलाते रहे हैं। अब ऐसा लगता है कि यहां हो रहे उपचुनाव में सपा अपने गुंडों, बदमाशों और माफियाओं को अंदर अंदर कह रही है कि यह उपचुनाव जीतोगे तभी आगे सरकार बनाओगे और बचे भी रहोगे।”
उन्होंने कहा, “इन (भाजपा और सपा) पार्टियों की ऐसी सोच व धारणा से दूर रहकर बसपा यह चाहती है कि इनसे दूर रहेंगे, तो बचे रहेंगे। इन दोनों पार्टियों से इनके गठबंधन से दूर रहेंगे तो बचे रहेंगे।”
मायावती ने सलाह दी कि अब समय आ गया है कि लोगों को खुद ही इन विरोधी पार्टियों के इस प्रकार के घिनौने, विषैले व संकीर्ण राजनीति के छलावों आदि से बचने के साथ ही इनके गुमराह करने वाले नारे व पोस्टरबाजी से बचना होगा तथा इसका जवाब इसी चुनाव में ही देना होगा।
बसपा प्रमुख ने झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अभी तक भाजपा और कांग्रेस गठबंधनों ने कोई चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं किया लेकिन जिन राज्यों (कर्नाटक, हिमाचल, हरियाणा) में घोषणा पत्र जारी किये, उसे लागू नहीं कर पाये।
उन्होंने कहा कि अब दोनों राज्यों के चुनावों में भाजपा और कांग्रेस घोषणा पत्र को लागू करने को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
मायावती ने कहा कि सभी दल इस मामले में एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा कि ''यदि ऐसा नहीं हुआ तो और लोगों का मनोबल बढ़ेगा।''
उप्र की कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में 13 नवंबर को मतदान और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
भाजपा नौ में आठ और उसकी सहयोगी रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) मीरापुर सीट पर चुनाव मैदान में है जबकि कांग्रेस के समर्थन से समाजवादी पार्टी ने सभी नौ सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
वहीं बसपा भी सभी नौ सीटों पर सीधे मुकाबले में है।
भाषा आनन्द