शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने शाइना एनसी के बारे में टिप्पणी के लिए माफी मांगी
जोहेब शोभना
- 02 Nov 2024, 03:24 PM
- Updated: 03:24 PM
(फोटो के साथ)
मुंबई, दो नवंबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना की उम्मीदवार शाइना एनसी को निशाना बनाकर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए शनिवार को माफी मांगी। एक दिन पहले शाइना ने इस संबंध में सावंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
सावंत ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी महिला का अपमान नहीं किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक कारणों से यह विवाद खड़ा किया गया।
मुंबई दक्षिण सीट से लोकसभा सदस्य सावंत ने कहा, “मैं महिलाओं को उनका उचित सम्मान दिलाने में हमेशा आगे रहा हूं। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और मुझे जानबूझकर निशाना बनाया गया। इससे मुझे दुख हुआ। फिर भी अगर मेरी टिप्पणी से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगता हूं। मैंने 55 साल के सार्वजनिक जीवन में कभी महिलाओं का अपमान नहीं किया।”
उन्होंने सवाल किया कि जब अन्य राजनीतिक नेताओं ने पहले महिला नेताओं को “जर्सी गाय” और "शूर्पणखा" कहा तो क्या कार्रवाई की गई।
सावंत ने पूछा, “क्या ऐसी टिप्पणियों से महिलाओं का सम्मान हुआ?...राज्य के एक मंत्री ने सुप्रिया सुले के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। क्या कोई कार्रवाई की गई?”
सावंत ने कहा कि उनकी टिप्पणी को लेकर विवाद राजनीतिक कारणों से खड़ा किया गया।
सावंत ने कहा, “मैंने किसी का नाम नहीं लिया था। मुझे दुख है कि मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई। यह टिप्पणी 29 अक्टूबर को की गई थी और एक नवंबर को इसकी याद आई?”
बीस नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मुंबादेवी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार शाइना ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि सावंत ने उन्हें “इंपोर्टेड माल” कहा था।
उन्होंने कहा, “ 20 साल से पेशेवर और राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर सक्रिय व्यक्ति को माल कहना शिव सेना (यूबीटी) की मानसिकता को दर्शाता है।”
इसके बाद शिवसेना नेता शाइना ने सावंत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 (शब्दों, इशारों, ध्वनियों के माध्यम से एक महिला का अपमान करना) और 356 (2) (मानहानि) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख विजया राहतकर ने भी मामले में पुलिस और निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग की।
भाषा जोहेब