पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए वृहद संपर्क अभियान शुरू किया
धीरज माधव
- 01 Nov 2024, 06:54 PM
- Updated: 06:54 PM
कोलकाता, एक नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए शुक्रवार को संपर्क अभियान शुरू किया।
राजभवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक ‘अपना भारत - जागता बंगाल’ पहल के तहत महिलाओं के सशक्तीकरण, बच्चों की सुरक्षा और मानव तस्करी तथा मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि इस पहल में सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा, जिससे शिक्षित युवा अपने भविष्य के बारे में विशेषज्ञों के साथ बातचीत से लाभान्वित हो सकेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘माननीय राज्यपाल की जन-जन तक पहुंच बनाने की नीति के अनुरूप इस कार्यक्रम में कई पहल और बहुआयामी रणनीतियां शामिल की जाएंगी। इसका उद्देश्य लोगों के समक्ष आने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करना और युवाओं का मार्गदर्शन करना है।’’
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद पर बोस के दो साल पूरे करने के अवसर पर ‘अपना भारत - जागता बंगाल’ अभियान की शुरुआत की गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक इस पहल का एक महत्वपूर्ण घटक लड़कियों के लिए ‘अभया प्लस’ नाम से शुरू किया जा रहा आत्मरक्षा पाठ्यक्रम है।
उल्लेखनीय है कि ‘अभया’ नाम मीडिया के एक वर्ग द्वारा उस महिला प्रशिक्षु चिकित्सक को दिया गया है जिसके साथ नौ अगस्त को यहां के सरकारी आर. जी. कर अस्पताल में बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। उक्त घटना के बाद पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया था और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। कानून के तहत दुष्कर्म पीड़िता की पहचान जाहिर करना गैर कानूनी है इसलिए यह काल्पनिक नाम दिया गया।
इस बहुआयामी पहल में ‘फाइल टू फील्ड’ खंड भी होगा जिसके तहत राजभवन राज्य के सभी जिलों को कवर करते हुए 250 स्थानों तक पहुंचेगा। बोस ‘दुआरे राज्यपाल’ या ‘राज्यपाल आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत आदिवासी क्षेत्रों का दौरा करेंगे और उन सभी लोगों से मिलेंगे जो उन्हें फोन करते हैं, खासकर संकट में फंसे लोगों से।
इस पहल के तहत राज्यपाल विभिन्न महाविद्यालयों और विद्यालयों का दौरा करेंगे और छात्रों से बातचीत करेंगे। इस दौरान मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक ‘जन की बात’ कार्यक्रम के तहत उन लोगों के विचार सुने जाएंगे और उनसे बातचीत की जाएगी जो सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहते हैं।
भाषा धीरज