अयोध्या में दीपोत्सव पर बना विश्व कीर्तिमान , योगी ने किया अभिनंदन
जफर, सलीम, रवि कांत
- 31 Oct 2024, 12:40 AM
- Updated: 12:40 AM
(तस्वीरों सहित)
अयोध्या (उप्र), 30 अक्टूबर (भाषा) दीपावली की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव के आठवें संस्करण के दौरान बुधवार को सरयू नदी के किनारे 25,12,585 दीयों की रोशनी से जगमगाती प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या का नजारा अद्भुत था।
इस साल 22 जनवरी को रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव था, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कैबिनेट मंत्रियों और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ समारोह का नेतृत्व कर रहे थे।
‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ के निर्णायक प्रवीण पटेल ने बुधवार शाम को नए विश्व रिकॉर्ड की भी घोषणा की, जहां वे ‘गिनीज कंसल्टेंट’ निश्चल भरोट के साथ सत्यापन के लिए आए थे।
पटेल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन और सरयू आरती समिति सबसे अधिक 1,121 लोगों द्वारा आरती करने के लिए ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ के खिताब धारक हैं। आप सभी को बधाई हो।’’
दूसरे विश्व रिकॉर्ड के बारे में गिनीज निर्णायक दल ने कहा, "कुल 25,12,585 दीये जलाकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, सबसे अधिक दीयों के एक साथ प्रज्वलन के लिए नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के खिताब धारक हैं।"
पटेल ने कहा कि वह एक नहीं बल्कि दो ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ खिताबों को सत्यापित करके "बहुत प्रसन्न" हैं - एक साथ सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा आरती करने का और दूसरा सबसे अधिक दीयों का प्रज्वलन।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समारोह का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने मंत्रियों और अन्य लोगों के साथ मिलकर कुछ दीये जलाये और दीपोत्सव की शुरुआत की। इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी को रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से यह पहला दीपोत्सव है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि अयोध्या का परिवर्तन ‘‘डबल इंजन सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा करने’’ का प्रमाण है तथा काशी और मथुरा में भी इसी तरह का परिवर्तन होना चाहिए।
इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद आठवें दीपोत्सव में भाग लेते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यह एक पहला ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि 500 वर्षों के बाद भगवान राम अब दीपावली के लिए अयोध्या में अपने निवास में हैं। यह तो बस शुरुआत है और इस शुरुआत को अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचना है। इसलिए 2047 तक जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा, तो काशी और मथुरा को भी अयोध्या की तरह चमकना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार ने अपना वादा (राम मंदिर का निर्माण) पूरा किया है और अब अयोध्या को खुद को साबित करने की बारी है। याद रखिए, मां सीता की यह अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए। हमें इससे बाहर आना होगा.. अयोध्या के लोगों को एक बार फिर (इसके लिए) आगे आना होगा। यही कारण है कि हम आज इस भव्य समारोह के लिए यहां हैं।’’
मुख्यमंत्री ने सरकार के विकास एजेंडे में ‘‘बाधा बनने’’ के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि माफियाओं की तरह इन बाधाओं को भी समाप्त कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अयोध्या का परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सनातन धर्म की विरासत के विकास और उन्हें वैश्विक मंच पर ले जाने के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल 22 जनवरी को, 500 साल के इंतजार के बाद, भगवान रामलला एक बार फिर अपने जन्म स्थान पर विराजमान हुए, जिससे दुनिया को यह संदेश मिला कि किसी को भी अपने रास्ते से कभी नहीं भटकना चाहिए क्योंकि यह दृष्टिकोण निश्चित रूप से सफलता की ओर ले जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि यह उन सभी आत्माओं को याद करने का क्षण है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
इस भव्य अवसर के लिए पूरी अयोध्या सजी हुई थी और भगवान राम के 'राम राम जय राजा राम' के भक्ति संगीत से नगरी गूंज रही थी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीरामलला मंदिर भी पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शन किये। इसके पश्चात उन्होंने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्वलित किए। इस मौके पर मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।
बाद में एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया में सनातनधर्मी इस बात को लेकर नतमस्तक थे कि भारत ने लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के फैसले को कैसे जमीनी धरातल पर मजबूती के साथ उतारा गया, अयोध्या इसका अप्रतिम उदाहरण है।
उन्होंने बताया कि स्वयं प्रभु श्रीराम कहते हैं कि अवधपुरी के समान उन्हें कुछ भी प्रिय नहीं है, क्योंकि यह मेरी जन्मभूमि है, इसके बावजूद जो लोग भगवान के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते थे उन्हें ये सोचना चाहिए था कि वे राम या सनातन पर प्रश्नचिह्न नहीं बल्कि हमारे-आपके धर्म और पूर्वजों पर प्रश्नचिह्न उठा रहे थे और हम मौन थे।
उन्होंने कहा कि जैसी व्यवस्था अयोध्या में हुई है, वैसे ही काशी और मथुरा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘विकास सब स्थान पर हो, दरिद्रता और दुख कहीं नहीं हो, इस दिशा में हम कदम उठा रहे हैं। ’’
उन्होंने कहा कि दीपोत्सव का यह आयोजन प्रभु श्रीराम की नगरी को संपूर्ण विश्व में नयी पहचान देने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या को दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे दीपावली का पर्व उल्लासपूर्ण मनाएं और अपने साथ उन लोगों को भी शामिल करें, जिनके पास साधन कम हैं।
आयोजन में श्रीराम भक्तों की बड़ी उपस्थिति के साथ-साथ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, तथा कई कैबिनेट मंत्री और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सोशल मीडिया 'एक्स' पर भी इस उत्सव को खूब पसंद किया गया और यह ‘सबका उत्सव, अयोध्या दीपोत्सव’ हैशटैग के साथ ‘ट्रेंड’ करने लगा।
दीपोत्सव में 2017 में 1.71 लाख, 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख, 2021 में 9.41 लाख, 2022 में 15.76 लाख और 2023 में 22.23 लाख दीये जलाए गए थे।
इस भव्य आयोजन को डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ-साथ स्थानीय कॉलेजों, इंटर कॉलेजों और स्वयंसेवी संगठनों ने संभव बनाया।
अयोध्या बुधवार को तब उत्सव के माहौल में सराबोर हो गई, जब आठवें दीपोत्सव समारोह के तहत रामायण के पात्रों की जीवंत झांकियों के साथ एक जुलूस मंदिर नगरी से गुजरा।
झांकी के तहत श्री राम के सीता और लक्ष्मण, हनुमान (रामायण के पात्रों) के साथ 'पुष्पक विमान' (हेलीकॉप्टर) से अयोध्या पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने उनका स्वागत किया। भगवान राम के रथ को मुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने राम दरबार स्थल तक खींचकर पहुंचाया। आदित्यनाथ ने बाद में उनकी आरती उतारी।
बुधवार को छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव समारोह के तहत झांकियों की एक शोभायात्रा निकाली गई। रामायण के प्रसंगों को दर्शाती झांकियों में देशभर के शास्त्रीय नर्तकों की प्रस्तुति ने राम पथ पर अपना जादू बिखेरा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि साकेत महाविद्यालय से राम कथा पार्क तक निकाली गई 18 विशेष झांकियां इस दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण रहीं। प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने झांकियों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
इन झांकियों में रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। लोग झांकियों के दृश्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करते दिखे। इस दौरान रामपथ पर रंग-गुलाल उड़ने के साथ जमकर आतिशबाजी भी हुई।
इस भव्य शोभायात्रा में साकेत महाविद्यालय के छात्रों ने पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर श्रीराम के राजतिलक तक के विभिन्न प्रसंगों को बड़े ही सुंदर ढ़ंग से झांकियों के रूप में प्रस्तुत किया। इन झांकियों में न केवल श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों का दर्शन कराया गया बल्कि उनमें शामिल कलाकारों के अभिनय ने दृश्य को और भी जीवंत बना दिया।
प्रवक्ता के मुताबिक झांकियों का यह सफर साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर अयोध्या के प्रमुख चौराहों से गुजरते हुए राम कथा पार्क पर सम्पन्न हुआ।
महोत्सव में साकेत महाविद्यालय की 18 झांकियों में से 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से और सात झांकियां पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गईं। पर्यटन विभाग द्वारा सजाई गई झांकियों में तुलसीदास रचित रामचरितमानस के सात अध्यायों- बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड पर आधारित सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को रामायण के विभिन्न प्रसंगों का सार समझाने में सहायक हैं।
इस आठवें दीपोत्सव में श्रीराम की शिक्षा, सीता-राम विवाह, वन गमन, भरत मिलाप, शबरी प्रसंग, अशोक वाटिका, हनुमान का लंका गमन, शक्तिबाण लगने से लक्ष्मण का मूर्छित होना, रावण वध, अयोध्या आगमन पर आधारित झांकियों का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है।
शोभायात्रा के राम पथ पर आगे बढ़ते ही स्थानीय लोगों ने सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर पुष्पवर्षा की।
इस शोभायात्रा में भाग लेने वाली जम्मू-कश्मीर की साक्षी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हम अपने राज्य की संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।’’
जम्मू-कश्मीर के एक अन्य प्रतिभागी विशाल शर्मा ने कहा, ‘‘हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम भव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव में भाग ले रहे है।’’
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी शोभायात्रा का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी के लिए खुशी का क्षण है क्योंकि यह एक उत्सव का अवसर है। हम भी अन्य लोगों की तरह जश्न मना रहे हैं।’’
राज्य सरकार ने बुधवार शाम अयोध्या में सरयू के तट पर 28 लाख से ज्यादा दीये प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड कायम करने की योजना बनायी थी।
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने स्थानीय कारीगरों से 28 लाख दीये मंगवाए ताकि अगर किसी कारण से 10 प्रतिशत दीये खराब भी हो जाएं तो भी 25 लाख दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सरकार ने घाटों पर पांच से छह हजार लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की थी। अन्य लोगों हेतु कार्यक्रम के सीधा प्रसारण के लिए 40 विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गईं।
दीपोत्सव का उद्देश्य धार्मिक नगरी के आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम में छह देश म्यांमा, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकारों की प्रस्तुति भी शामिल थी।
भाषा
जफर, सलीम, रवि कांत