आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों ने सीबीआई कार्यालय तक मशाल जुलूस निकाला
धीरज देवेंद्र
- 30 Oct 2024, 11:52 PM
- Updated: 11:52 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 30 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजधानी स्थित सरकारी आरजी कर अस्पताल में नौ अगस्त की घटना की शिकार महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के लिए न्याय की मांग कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों ने बुधवार शाम को आम लोगों के साथ मशाल जुलूस निकाला।
प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
पश्चिम बंगाल कनिष्ठ चिकित्सक मंच और कई नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों ने साल्ट लेक के सेक्टर 3 स्थित पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल कार्यालय से सेक्टर 1 में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय तक रैली निकाली।
जुलूस में शामिल लोगों ने ‘हमें न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगाए और सीबीआई से बलात्कार-हत्या मामले की जांच यथा शीघ्र पूरी करने की मांग की।
प्रदर्शन में शामिल एक चिकित्सक ने कहा, ‘‘घटना को लगभग तीन महीने हो गए हैं। सीबीआई अब भी मामले की जांच कर रही है। हम चाहते हैं कि वे अपनी जांच में तेजी लाएं।’’
मशाल जुलूस में शामिल एक चिकित्सक ने प्रतीक के रूप में अपने हाथ में घड़ी पकड़ी हुई थी, जो यह दर्शा रही थी कि नौ अगस्त को आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में अपराध घटित होने के बाद से समय बीत रहा है। वहीं अन्य चिकित्सकों ने ने मशालें और पोस्टर पकड़ रखे थे, जिनमें मांग की गई थी कि सीबीआई द्वारा की जा रही जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए।
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने अपनी रैली के अंत में लोगों को एकजुट करने के लिए बृहस्पतिवार की रात को बत्ती बंद करके दीये जलाने की घोषणा की।
उन्होंने ‘आरजी कर के लिए न्याय’ विषय पर आधारित रंगोली बनाने तथा सभी प्रदर्शनकारियों को एक साथ लाने के लिए दो मिनट का मौन रखने का भी निर्णय लिया।
प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों में शामिल देबाशीष हलदर ने कहा, ‘‘हम अपने विरोध प्रदर्शन के बीच उन तक पहुंचने के लिए ‘अभया स्काई लालटेन’ भी जलाएंगे।’’ आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से नौ अगस्त को एक महिला चिकित्सक का शव बरामद किया गया था। इसके बाद कनिष्ठ चिकित्सकों ने पीड़िता के लिए न्याय और राज्य द्वारा संचालित चिकित्सा प्रतिष्ठानों में कड़ी सुरक्षा की मांग करते हुए पूरे पश्चिम बंगाल में ‘काम बंद’ आंदोलन शुरू कर दिया था।
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अपनी मांगों को निर्धारित 24 घंटे की समय-सीमा में पूरा नहीं करने पर कनिष्ठ चिकित्सकों ने पांच अक्टूबर की रात को आमरण अनशन शुरू कर दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ 24 अक्टूबर को बैठक के कुछ घंटे बाद उन्होंने आमरण अनशन समाप्त करने की घोषणा की।
भाषा धीरज