ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने उपचार के लिए बेंगलुरु की यात्रा की
वैभव अविनाश देवेंद्र
- 30 Oct 2024, 10:40 PM
- Updated: 10:40 PM
बेंगलुरु/लंदन, 30 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी महारानी कैमिला ने बेंगलुरु में एक एकीकृत चिकित्सा केंद्र में समय बिताया। बेंगलुरु के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी, वहीं बकिंघम पैलेस ने इस बात की पुष्टि की कि शाही दंपति राष्ट्रमंडल की एक बैठक में शामिल होने के बाद सामोआ से ब्रिटेन जाते हुए रास्ते में बेंगलुरु में ठहरे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि दंपति यहां व्हाइटफील्ड के पास अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान ठहरे हुए थे, वह समग्र स्वास्थ्य केंद्र योग और ध्यान सत्रों तथा उपचारों सहित कायाकल्प उपचार के लिए प्रसिद्ध है।
लंदन में बकिंघम पैलेस ने बुधवार को कहा कि महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला ने सामोआ में राष्ट्रमंडल देशों के शासन प्रमुखों की बैठक (सीएचओजीएम) में शामिल होकर ब्रिटेन वापसी की लंबी यात्रा में भारत को पड़ाव बनाया।
महाराजा ने इस निजी यात्रा के संबंध में बकिंघम पैलेस ने संकेत दिया कि यह स्वास्थ्य संबंधी या उनके कैंसर के उपचार से संबंधित नहीं थी। यह दौरा उनकी लंबी यात्रा के बीच में डॉक्टर के सुझाव के अनुसार उचित आराम के तहत किया गया।
बकिंघम पैलेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘महाराजा और महारानी ने सामोआ से लौटते वक्त अपनी लंबी यात्रा के बीच में आराम बतौर भारत में संक्षिप्त ठहराव का फैसला किया था।’’
यह बेंगलुरु के सामेथनहल्ली में ‘सौक्या’ अंतरराष्ट्रीय समग्र केंद्र में महाराजा का पहला दौरा नहीं था। उन्होंने 2019 में अपना 71वां जन्मदिन यहां मनाया था।
इसे डॉ इसाक मथाई चलाते हैं जो पिछले साल छह मई को ब्रिटेन के महाराजा के राज्याभिषेक में शामिल होने के लिए भारत से आमंत्रित कुछ गिनेचुने लोगों में शामिल थे।
यह स्वास्थ्य देखभाल केंद्र 30 एकड़ में फैला हुआ है।
अधिकारी ने कहा ‘‘दंपति पहले भी कई बार इस चिकित्सा सुविधा में रह चुके हैं और उन्होंने आयुर्वेद तथा प्राकृतिक चिकित्सा सहित विभिन्न स्वास्थ्य उपचार लिए हैं। उनकी सुबह की दिनचर्या में योग सत्र शामिल था।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने यहां विभिन्न स्वास्थ्य उपचारों के तहत विशेष आहार लिया। उन्होंने कायाकल्प उपचार लिया, जिसमें ध्यान और चिकित्सा भी शामिल थी।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने 30 एकड़ के परिसर में लंबी सैर का आनंद लिया और जैविक खेतों में भी सैर पर गए।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘वे तीन दिन तक यहां रहे और बुधवार की सुबह शहर से चले गए।’’
भाषा वैभव अविनाश