मीडिया संगठनों ने गुजरात के पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने की निंदा की
सुरेश रंजन
- 28 Oct 2024, 10:31 PM
- Updated: 10:31 PM
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) मीडिया संगठनों ने गोपनीय दस्तावेज रखने के आरोप में गुजरात के पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की सोमवार को निंदा की और आरोप वापस लेने की मांग की।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन, इंडियन वूमन प्रेस कॉर्प्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने कहा कि पत्रकारों को अक्सर अपने काम के दौरान संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंच की आवश्यकता होती है और ऐसे में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करना "चिंताजनक" है।
लांगा द हिंदू के लिए काम करते हैं।
मीडिया संगठनों ने एक बयान में कहा, ‘‘हम अपील करते हैं और मांग करते हैं कि प्राथमिकी वापस ली जाए और महेश लांगा के साथ किया जा रहा उत्पीड़न तुरंत बंद किया जाए।’’
बयान में कहा गया है कि लांगा को इस महीने की शुरुआत में जीएसटी धोखाधड़ी के मामले में अहमदाबाद अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था, हालांकि उनका नाम प्रारंभिक प्राथमिकी में नहीं था।
गुजरात मैरीटाइम बोर्ड की शिकायत पर उनके खिलाफ कुछ दस्तावेज रखने के आरोप में 22 अक्टूबर को दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
गिल्ड ने कहा, ‘‘पत्रकारों को अक्सर अपने काम के दौरान संवेदनशील दस्तावेजों तक पहुंचने और उनकी समीक्षा करने की आवश्यकता होती है और उनके काम के लिए उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करना चिंताजनक है।’’
गिल्ड ने उम्मीद जताई कि लांगा को निष्पक्ष और त्वरित न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा और गुजरात पुलिस से गोपनीय दस्तावेजों के कब्जे को लेकर उनके खिलाफ लगाए गए दूसरे आरोपों के बारे में विवरण का खुलासा करने का आग्रह किया।
इससे पहले, द हिंदू के संपादक सुरेश नंबथ ने लांगा के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी और गुजरात पुलिस से उनके खिलाफ वर्गीकृत दस्तावेजों के कब्जे से संबंधित आरोपों को हटाने के लिए कहा था।
उन्होंने कहा, "ऐसे दस्तावेज रखने के लिए उनके खिलाफ आरोप दायर करना उनके पत्रकारिता के काम और उनके मौलिक अधिकारों को कमजोर करना और सार्वजनिक हित को नुकसान पहुंचाना है। हम गुजरात पुलिस से आग्रह करते हैं कि महेश के खिलाफ वर्गीकृत दस्तावेज रखने से संबंधित आरोप वापस लिये जाएं।"
भाषा सुरेश