छत्तीसगढ़ सरकार ने नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दी
संजीव नोमान अजय
- 28 Oct 2024, 09:34 PM
- Updated: 09:34 PM
रायपुर, 28 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार ने नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के प्रारूप और प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के प्रारूप एवं प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक विकास नीति एक नवंबर, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2030 तक लागू रहेगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस नीति में अमृतकाल छत्तीसगढ़ ‘विजन एट 2047’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रावधान किए गए हैं। इस नीति से राज्य में औद्योगिक विकास के नये आयाम स्थापित होंगे।
उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम-2006 में सूक्ष्म, लघु, मझोले तथा वृहद उद्योगों की परिभाषा में किए गए संशोधन को अपनाया गया है तथा राज्य में संतुलित विकास के लिए औद्योगिक विकास प्रोत्साहन प्रदान करने का विशेष प्रावधान किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नवीन औद्योगिक नीति 2024-30 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राज्य में नवीन उद्यमों की स्थापना, विस्तारीकरण/विविधीकरण, प्रतिस्थापन तथा अन्य कार्यों के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। सर्वांगीण औद्योगिक विकास के लिए सभी जिलों के विकास खंडों को तीन सेक्टर में विभाजित कर औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की राशि निर्धारित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक विकास नीति में मुख्य क्षेत्र के उत्पादों जैसे स्टील, सीमेंट, ताप विद्युत एवं एल्युमिनियम के लिए पृथक प्रावधान तथा राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ‘थ्रस्ट’ एवं सामान्य उद्योगों में विभाजित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि फार्मास्युटिकल, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि उत्पाद संरक्षण, एनटीएफपी प्रसंस्करण इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, आईटी तथा आईटीईएस आदि के लिए आकर्षक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने घोषणा पत्र के अनुरूप राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत राज्य के 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्त महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित चिन्हित तीर्थ स्थानों में से एक या एक से अधिक स्थानों की नि:शुल्क यात्रा कराई जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए 2024-25 के प्रथम अनुपूरक मांगों में 25 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2019 तक दो लाख 47 हजार हितग्राहियों को 272 यात्राओं के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराई गई है। वर्ष 2019 में इस योजना का नाम बदलकर तीरथ बरत योजना कर दिया गया था, लेकिन वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत तीर्थ यात्राएं नहीं हुईं। मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम से इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
अधिकारियों ने बताया मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है। इससे छात्र-छात्राओं को समग्र तथा लचीली शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्तायुक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी। शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे। उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा।
भाषा संजीव नोमान