त्रिशूर पूरम विवाद: विपक्ष ने विजयन पर लोगों को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया
वैभव रंजन
- 28 Oct 2024, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
तिरुवनंतपुरम, 28 अक्टूबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की त्रिशूर पूरम पर्व के बारे में ‘कोई व्यवधान नहीं होने’ संबंधी टिप्पणी पर राज्य में तीखी प्रतिक्रियाएं जारी रहीं, जहां विपक्षी कांग्रेस ने उत्सव के दिन हुई घटनाओं की न्यायिक जांच की अपनी मांग दोहराई।
विजयन ने शनिवार को कहा था कि पूरम त्योहार में कोई व्यवधान नहीं हुआ और केवल आतिशबाजी के प्रदर्शन में कुछ समय की देरी हुई।
हालांकि, मुख्यमंत्री द्वारा अपनाए गए रुख के विपरीत, केरल पुलिस ने इस वर्ष अप्रैल में पूरम में कथित व्यवधान के संबंध में विजयन के बयान के अगले दिन मामला दर्ज किया।
रविवार को त्रिशूर पूर्व पुलिस ने एडीजीपी (अपराध शाखा) एच वेंकटेश की अध्यक्षता वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया।
सत्तारूढ़ एलडीएफ में दूसरे सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी भाकपा ने सोमवार को कहा कि त्रिशूर पूरम त्रिशूर के लोगों के लिए एक भावना है, और पार्टी चाहती है कि त्योहार उसी तरह आयोजित हो जैसा कि इसे आयोजित किया जाना चाहिए।
भाकपा के प्रदेश सचिव बिनॉय विस्वाम ने कहा कि भाकपा और एलडीएफ का यही रुख है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की, उन्होंने त्रिशूर पूरम को उस तरह से आयोजित नहीं होने दिया, जिस तरह से इसे आयोजित किया जाना चाहिए।’’
भाकपा के मंत्री और विधायक शुरू से ही त्रिशूर पूरम को बाधित करने की कथित कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता के मुरलीधरन ने विजयन की ‘कोई व्यवधान नहीं’ वाली टिप्पणी की आलोचना की और पूछा कि पुलिस ने पूरम के दिन कथित व्यवधानों के संबंध में प्राथमिकी क्यों दर्ज की है।
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘पुलिस ने अब प्राथमिकी में कहा है कि त्रिशूर पूरम बाधित हुआ था। फिर, मुख्यमंत्री ने अपना बयान क्यों बदला है? यही हम जानना चाहते हैं।’’
कांग्रेस नेता ने पार्टी की मांग को भी दोहराया कि त्योहार के दिन हुई घटनाओं की न्यायिक जांच की जाए। उन्होंने पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री न्यायिक जांच से क्यों डरते हैं?’’
भाजपा ने मुख्यमंत्री विजयन और उनकी सरकार पर त्रिशूर पूरम विवाद को लेकर लोगों को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक तरफ मुख्यमंत्री कह रहे थे कि पूरम में कोई व्यवधान नहीं आया। दूसरी तरफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर रही थी। ये सब कौन तय कर रहा है? क्या गृह विभाग नहीं?’’
उन्होंने विजयन पर लोगों को ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया।
गत 16 अप्रैल की रात को पुलिस द्वारा कथित तौर पर लगाए गए प्रतिबंधों और अनुष्ठानों में उनके कथित हस्तक्षेप के कारण विवादों ने प्रतिष्ठित मंदिर उत्सव की चमक को फीका कर दिया था।
उत्सव के इतिहास में पहली बार, आतिशबाजी का प्रदर्शन, जो इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण रहता है और जो तड़के होना था, अगले दिन दिन के उजाले में आयोजित किया गया, जो उत्सव प्रेमियों के लिए निराशाजनक रहा।
पूरम उत्सव में पुलिस के कथित हस्तक्षेप और आतिशबाजी के देरी से प्रदर्शन ने राज्य में तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं पैदा कीं और विपक्षी कांग्रेस एवं भाजपा ने इस मुद्दे पर एलडीएफ सरकार की आलोचना की।
केरल सरकार ने 21 अप्रैल को राज्य पुलिस प्रमुख को त्रिशूर पूरम से संबंधित विवादों की जांच करने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। बाद में, राज्य मंत्रिमंडल ने त्रिशूर पूरम उत्सव में व्यवधान की तीन-स्तरीय जांच का आदेश दिया।
भाषा वैभव