दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 10 हजार नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक तैनात किये जाएंगे
रवि कांत रवि कांत संतोष
- 28 Oct 2024, 09:28 PM
- Updated: 09:28 PM
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली सरकार नगर में प्रदूषण कम करने से संबंधित उपायों को लागू करने में सहायता के लिए उन 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात करेगी जिन्हें पिछले साल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इन नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को पिछले साल नवंबर में बर्खास्त कर दिया गया था, जब वे ‘बस मार्शल’ के रूप में काम कर रहे थे।
आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अधिकारियों की एक बैठक के बाद, प्रदूषण कम करने के प्रयासों में सहायता के लिए पूर्व में कार्यरत बस मार्शल और स्वयंसेवकों को फिर से शामिल करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को परिवहन विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) सहित विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से तैनात किया जाएगा।
आतिशी ने कहा कि स्वयंसेवक प्रदूषण नियंत्रण उपायों के अनुपालन को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और वाहन उत्सर्जन की निगरानी करने, शहर में प्रवेश करने वाले कुछ चुनिंदा वाहनों को रोकने और निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रबंधन का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘बस मार्शलों को प्रदूषण की दृष्टि से सर्वाधिक जोखिम वाले 13 क्षेत्रों और अत्यधिक प्रदूषण वाले अन्य क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। वे किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए 1,000 पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण) केंद्रों के निरीक्षण में भी सहायता करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों का पंजीकरण अगले सप्ताह किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें अगले चार महीनों के लिए ड्यूटी सौंपी जाएगी।
हाल ही में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उन्हें चार महीने के लिए विभिन्न प्रदूषण-रोधी उपायों के कार्यान्वयन के दौरान तैनात किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि सभी बस मार्शल को भाजपा की 'साजिश' के कारण हटाया गया।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि पुनर्नियुक्ति पार्टी के अनुरोध पर हुई है और आतिशी केवल बिना कुछ योगदान दिए श्रेय ले रही हैं।
भाजपा ने एक बयान में कहा कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की 'अराजक कार्यशैली' के कारण नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों का जीवन खतरे में पड़ गया है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं और स्थायी रोजगार के प्रावधानों का पालन किए बिना उन्हें नियुक्त किया था।
भाजपा ने एक बयान में कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय उपराज्यपाल (एलजी) द्वारा भाजपा और उनके स्वयं के अनुरोध पर इन स्वयंसेवकों को फिर से नियुक्त करने के बावजूद, मुख्यमंत्री बिना कुछ योगदान दिए श्रेय लेने का घृणित प्रयास कर रही हैं। ’’
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पुनर्नियुक्ति के प्रति आशा व्यक्त करते हुए कहा कि बस मार्शलों की पुनः नियुक्ति से प्रदूषण के स्तर को कम करने में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
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