प्रियंका को वायनाड में चुनाव प्रचार के दौरान बुजुर्ग महिला से मिली माला
शफीक रंजन
- 28 Oct 2024, 09:10 PM
- Updated: 09:10 PM
वायनाड (केरल), 28 अक्टूबर (भाषा) वायनाड लोकसभा क्षेत्र में ईसाई समुदाय से जुड़ाव प्रदर्शित करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को बताया कि पहाड़ी जिले में एक बुजुर्ग महिला ने उन्हें एक ‘रोजरी’ (धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माला) उपहार में दी थी। इसके अलावा किशोरावस्था में मदर टेरेसा ने भी उन्हें एक रोजरी उपहार में दी थी।
प्रियंका ने बुजुर्ग महिला थ्रेसिया के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एक पूर्व सैन्यकर्मी ने मुझे बताया था कि उनकी मां मुझसे मिलना चाहती है, लेकिन पैर की समस्या के कारण चलने में असमर्थ हैं।’’
मीनांगडी में आज अपने चुनावी भाषण में कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा, ‘‘इसलिए मैं उनके साथ उनके घर तक चली गई। जब बुजुर्ग महिला ने मुझे देखा तो उन्होंने मुझे गले लगाया जबकि उन्होंने मुझे पहले कभी नहीं देखा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और मैं सच में आपको बता सकती हूं कि इस तरह से उन्होंने मुझे पकड़ा, जिस तरह मेरी मां मुझे पकड़ती हैं, मुझे कोई फर्क महसूस नहीं हुआ। उन्होंने मेरे हाथ में एक माला दी। उनका नाम थ्रेसिया है और उन्होंने मुझसे कहा कि यह माला अपनी मां (सोनिया गांधी) को दे देना। मुझे ऐसा महसूस हुआ, जैसे मेरी एक मां यहां वायनाड में भी है।’’
अपने भाषण में प्रियंका ने कहा कि इस मुलाकात ने उन्हें मदर टेरेसा से हुई मुलाकात की याद दिला दी, जब वह 19 साल की थीं और उनके पिता राजीव गांधी की मृत्यु हो चुकी थी।
जब मदर टेरेसा सोनिया गांधी से मिलने गईं, तो उन्होंने प्रियंका से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन उस समय वह बुखार से पीड़ित थीं।
प्रियंका ने कहा, ‘‘वह (मदर टेरेसा) मुझसे मिलना चाहती थीं और अपना हाथ मेरे सिर पर रखना चाहती थीं और जिस तरह थ्रेसिया ने मेरे हाथ में माला दी थी, उन्होंने भी वैसा ही किया। यह ध्यान में रखते हुए कि मैं कठिन समय से गुजर रही थी, मदर टेरेसा ने मुझे उनके साथ काम करने के लिए कहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए शादी के पांच-छह साल बाद मैं दिल्ली में मदर टेरेसा की संस्था के साथ काम करने चली गई। मैंने अपनी पहली नौकरी छोटे बच्चों को कुछ अंग्रेजी और कुछ हिंदी सिखाने से शुरू की।’’
कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी का यह बयान भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कांग्रेस के रुख को लेकर ईसाई आबादी के एक बड़े हिस्से में बढ़ती नाराजगी के बीच आया है।
विधेयक का समर्थन करते हुए गिरजाघर ने आरोप लगाया है कि एर्नाकुलम जिले के चेराई और मुनंबम गांवों में पीढ़ियों से ईसाई परिवारों की कई संपत्तियों पर मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग करके वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से दावा किया गया है।
भाषा शफीक