पिछले 10 वर्ष में सभी परियोजनाएं भाजपा शासित राज्यों में नहीं आयी हैं : जयशंकर
गोला रंजन
- 27 Oct 2024, 04:21 PM
- Updated: 04:21 PM
(तस्वीरों के साथ)
मुंबई, 27 अक्टूबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने निवेश को महाराष्ट्र से गुजरात ले जाने के आरोपों को रविवार को खारिज करते हुए कहा कि निवेशकों का अपना हिसाब-किताब होता है और वे ऐसी राज्य सरकार का चुनाव करेंगे जो सक्षम और कुशल हो।
जयशंकर ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्ष में सभी परियोजनाएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के पास नहीं आयी हैं।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धी संघवाद देश के लिए अच्छा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारा दुनिया में सबसे चर्चित कनेक्टिविटी गलियारा है और इसका मुख्य ‘इंटरफेस’ महाराष्ट्र में होगा।
कांग्रेस और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) समेत विपक्षी दल के नेता अक्सर दावा करते हैं कि महाराष्ट्र की कई बड़ी निवेश परियोजनाओं को पड़ोसी भाजपा शासित गुजरात ले जाया गया है।
विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि निवेशकों का अपना हिसाब-किताब और आकलन होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे ऐसी राज्य सरकार का चुनाव करेंगे जो सक्षम और कुशल हो। आप केंद्र को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते बल्कि अपनी योग्यता की जांच करने की जरूरत है। पिछले 10 वर्ष में सभी परियोजनाएं भाजपा शासित राज्यों में नहीं आयी है।’’
जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर काम करती है, लेकिन आने वाले रोजगार और निवेश के लिए राज्य सरकारें ही फैसले लेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी देश की सफलता राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक, प्रभावी और ईमानदारी भागीदारी पर निर्भर करती है।’’
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी सरकार की जरूरत है, जिसकी विचारधारा केंद्र सरकार के समान हो क्योंकि यह देश में सबसे ज्यादा औद्योगीकृत राज्य है जो ‘विकसित भारत’ के उद्देश्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा।
जयशंकर ने कहा कि उद्योग, प्रौद्योगिकी, हवाई अड्डों, बंदरगाहों के क्षेत्र में महाराष्ट्र का योगदान बहुत बड़ा है और निवेश, रसद, निर्यात को बढ़ाना विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बुनियादी ढांचे का विकास और कुशल शैक्षणिक नीतियां भी महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र का ध्यान अर्थव्यवस्था तथा रोजगार बढ़ाने पर है।
भाषा
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