महाराष्ट्र चुनाव: सीट बंटवारे पर बातचीत जारी; राउत ने कहा-एमवीए को ‘सबका साथ सबका विकास’ की जरूरत
सुभाष पारुल
- 26 Oct 2024, 09:04 PM
- Updated: 09:04 PM
मुंबई, 26 अक्टूबर (भाषा) महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल-कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी)-अब भी कुछ सीट पर गतिरोध दूर करने और विधानसभा चुनाव के लिए स्वीकार्य फॉर्मूला तय करने की कोशिशों में जुटे हैं, जबकि नामांकन पत्र दाखिल करने की समयसीमा 29 अक्टूबर को समाप्त हो रही है।
सीट आवंटन के अलग-अलग फॉर्मूले के बारे में महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के बयानों ने भ्रम और बढ़ा दिया है।
एमवीए के घटक दलों ने 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में 85-85 सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके अलावा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने सहयोगियों के लिए ‘90-90-90’ सीट फॉर्मूला का प्रस्ताव रखा है।
थोराट ने शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस 100 से अधिक सीट पर चुनाव लड़ेगी, थोराट ने कहा कि उन्होंने गिनती नहीं की है। थोराट ने कहा कि कांग्रेस एमवीए के सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन 180 से अधिक सीट जीतेगा और अपना मुख्यमंत्री बनाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एमवीए ने अन्य सहयोगी दलों के लिए 18 सीट छोड़ी हैं।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुझसे आपसी समझ के आधार पर बातचीत करने को कहा है। मुंबई की कुछ सीट को लेकर बातचीत जारी है।”
थोराट ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार और घोषणापत्र की योजना पर चर्चा की।
सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने को लेकर एमवीए में बढ़ती बेचैनी शिवसेना नेता संजय राउत की टिप्पणी में नजर आई। राउत ने कहा कि यदि किसी को ‘सबका साथ, सबका विकास’ की जरूरत है, तो वह विपक्षी गठबंधन एमवीए है।
राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए राज्य में ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी’ (पीडब्ल्यूपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे छोटे दलों द्वारा कुछ सीट पर एकतरफा तरीके से उम्मीदवार घोषित करने पर नाराजगी भी जताई।
सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आजमी ने शुक्रवार को कहा था कि अगर एमवीए छोटे दलों के साथ किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाता है, तो वे 20-25 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। सपा ने पहले ही पांच सीट पर उम्मीदवार उतार दिए हैं तथा उसने और सात सीट की मांग की है।
राउत ने कहा, ‘‘हरियाणा में कांग्रेस ने सभी सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन सरकार नहीं बना सकी। इसलिए, उन्हें सबको साथ लेकर चलना होगा। अगर किसी को 'सबका साथ, सबका विकास' नारे की जरूरत है, तो वह एमवीए ही है।’’
उन्होंने कहा कि अबू आजमी के साथ बातचीत जारी है।
राउत ने कहा, ‘‘अबू आजमी को अपने दोनों निर्वाचन क्षेत्र मिल जाएंगे, लेकिन उन्होंने अपनी सीट की घोषणा कर दी है। पीडब्ल्यूपी ने अपनी सीट की घोषणा कर दी है। यह सही नहीं है। अगर एमवीए का कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है, तो लोग परेशान हो जाते हैं। हम अपनी बातचीत जारी रखेंगे।’’
राकांपा (एसपी) के जयंत पाटिल ने कहा कि एमवीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उम्मीदवारों की जीत की संभावना के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं।
पाटिल ने कहा, ‘‘कोई फॉर्मूला तय नहीं किया गया है। जो भी जीत सकता है, उस पार्टी पर विचार किया जाएगा। हमारा प्रयास अपने सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार को आगे लाना है।’’
थोराट द्वारा एमवीए साझेदारों के लिए सुझाए गए '90-90-90' के फॉर्मूले के बारे में पूछे जाने पर, राकांपा (एसपी) नेता ने कहा, ‘‘यहां और वहां एक या दो सीट को लेकर विवाद रहेगा।’’
शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने 288 सीट में से 100-100 पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया है।
इस बीच, भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने भी सीट बंटवारे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, जिसका कारण कुछ खास निर्वाचन क्षेत्रों पर इसके तीन घटक दलों के दावे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा कि भाजपा, (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत) शिवसेना और (अजित पवार नीत) राकांपा के बीच सात से आठ सीट को लेकर बातचीत जारी है। साथ ही, उन्होंने किसी तरह के मतभेद होने की बात को खारिज कर दिया।
बावनकुले ने कहा, ‘‘हम एक परिवार की तरह लड़ रहे हैं-बड़े भाई और छोटे भाई सहित सभी को साथ लेकर। भाजपा कल एक संयुक्त घोषणापत्र भी जारी करेगी।’’
भाजपा ने अब तक 121 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 45-45 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
वहीं, एमवीए खेमे में कांग्रेस ने अब तक 71, राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 67 और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 65 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा 105 सीट जीती थीं और उसकी तत्कालीन सहयोगी शिवसेना (अविभाजित) ने 56 सीट पर जीत दर्ज की थी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा रही राकांपा (अविभाजित) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीट पर जीत दर्ज की थी।
भाषा सुभाष