किसान संगठन ने केंद्र से 'टायर कार्टेल' पर कार्रवाई करने की मांग की
राजेश राजेश प्रेम
- 25 Oct 2024, 10:27 PM
- Updated: 10:27 PM
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि टायर बनाने वाली कंपनियों का एक गिरोह (कार्टेल) प्राकृतिक रबर की कीमतों में हेराफेरी कर रहा है जिससे रबर उत्पादकों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं।
किसान संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘एआईकेएस ‘टायर कार्टेल’ द्वारा प्राकृतिक रबर की कीमतों में स्पष्ट हेराफेरी की कड़ाई से निंदा करता है। यह लाखों रबर किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। स्थिति प्रमुख रबर उत्पादक राज्य केरल में बहुत गंभीर है, जहां रबर किसान अपने अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रहे हैं।’’
बयान के मुताबिक, त्रिपुरा में भी स्थिति समान रूप से खराब है जहां अधिकांश आदिवासी किसानों के लिए रबर आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। एआईकेएस ने कहा, ‘‘जब रबर किसान कर्ज के जाल में फंस रहे हैं, तो टायर कंपनियों का एकाधिकारवादी समूह भारी मुनाफे की स्थिति में है।’’
निकाय ने आरोप लगाया कि वाहनों के टायर बनाने वाली कंपनियों के एक ताकतवर समूह ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में टायर उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए प्रमुख प्राकृतिक रबर उत्पादक देशों से शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय पर दबाव डाला।
किसान संगठन ने कहा कि केंद्र सरकार इसके दबाव में आ गई और बड़े पैमाने पर आयात की अनुमति दे दी। किसान संगठन ने टायर उद्योग के ‘‘एकाधिकार पैदा करने वाले तौर-तरीकों और कीमतों की हेराफेरी’’ के नियमन के लिए केंद्र के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
संगठन ने कहा कि ‘टायर कंपनियों का गिरोह’ चलाने वाले लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही एआईकेएस ने प्राकृतिक रबर का एक उचित मूल्य तंत्र लागू करने की मांग की।
भाषा राजेश राजेश