रेलवे बोर्ड ने ‘इंटरलॉकिंग’ बिंदुओं के निरीक्षण के लिए 15 दिवसीय अभियान शुरू किया
देवेंद्र रंजन
- 25 Oct 2024, 09:57 PM
- Updated: 09:57 PM
(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) रेलवे बोर्ड ने 23 अक्टूबर से देश के सभी रेल नेटवर्क पर ‘इंटरलॉकिंग पॉइंट्स’ और क्रॉसिंग के निरीक्षण के लिए 15 दिवसीय सुरक्षा अभियान शुरू किया है।
बोर्ड ने लिखित संदेश में सभी रेलवे जोन और डिवीजन से कहा है कि वे इस अभियान को चलाएं, जिसमें अन्य पहलुओं के अलावा पिछले तीन वर्षों में इन ‘इंटरसेक्शन’ पर पटरी से उतरने की घटनाओं के गहन विश्लेषण पर विशेष जोर दिया जाएगा।
तमिलनाडु में एक यात्री और मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर के लगभग दो सप्ताह बाद यह अभियान शुरू किया गया। घटना की जांच की जा रही है क्योंकि शुरुआती जांच में ‘इंटरलॉकिंग’ प्रणाली में तोड़फोड़ या उसमें संभावित यांत्रिक खराबी की ओर संकेत किया गया है।
बोर्ड के पत्र के अनुसार अधिकारियों को यह जांच करनी चाहिए कि क्या ‘इंटरलॉकिंग’ बिंदुओं पर लगातार ध्यान देने की आवश्यकता है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘इस सुरक्षा अभियान के तहत सभी बिंदुओं और क्रॉसिंग को शामिल किया जाना है। मुख्यालय के विभागों के अधिकारियों को भी इसमें शामिल किया जाये। अभियान के दौरान पाई गई सभी कमियों और अनियमितताओं पर प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
पत्र में सभी जोन और डिवीजन को बोर्ड के सुरक्षा नियंत्रण विभाग को दैनिक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।
इसमें प्रमुख मुख्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ‘‘कमियों की पहचान करने के लिए संपूर्ण कमियों का गंभीरतापूर्वक विश्लेषण करें’’ तथा 13 नवंबर तक बोर्ड को रिपोर्ट भेजें।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह अपनी तरह का पहला अभियान है, जिसमें अधिकारियों को अन्य मुद्दों के अलावा पहियों के नीचे ‘इंटरलॉकिंग’ बिंदुओं का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।
उनके अनुसार, यह अभियान हाल ही में तमिलनाडु में एक मालगाड़ी और यात्री ट्रेन के बीच हुई टक्कर के बाद चलाया गया।
‘इंडियन रेलवे एसएंडटी मेंटेनर्स यूनियन’ (आईआरएसटीएमयू) ने बोर्ड की इस पहल का स्वागत किया है और आग्रह किया है कि इस तरह की गतिविधियां नियमित आधार पर आयोजित की जानी चाहिए।
आईआरएसटीएमयू के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने कहा, ‘‘यह एक बहुत अच्छी पहल है। इससे सिग्नल एवं दूरसंचार तथा इंजीनियरिंग विभागों के महत्वपूर्ण पहलुओं की स्थिति में सुधार आयेगा।’’
तमिलनाडु में 11 अक्टूबर को बागमती एक्सप्रेस चेन्नई के निकट कावरापेट्टई रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे के कारणों को लेकर कई सवाल उठे थे।
रेलवे सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि यह पता लगाने के लिए कई जांच की जा रही हैं कि दुर्घटना तोड़फोड़ की कार्रवाई या सिग्नल प्रणाली में खामियों के कारण हुई थी। रेलवे बोर्ड ने सिग्नल प्रणाली में किसी भी तरह की खराबी के कारण होने वाली ऐसी किसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सभी ‘इंटरलॉकिंग’ बिंदुओं की सुरक्षा जांच करने के लिए सही पहल की है।’’
भाषा
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