चक्रवात ‘दाना’ के कारण पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत: ममता
योगेश पवनेश
- 25 Oct 2024, 09:27 PM
- Updated: 09:27 PM
कोलकाता, 25 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में चक्रवात दाना के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि प्रशासन ने निचले इलाकों से करीब 2.16 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला है।
बनर्जी ने स्थिति पर नजर रखने के लिए रात राज्य सचिवालय में बिताने के बाद वहां समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चक्रवात से प्रभावित सभी लोगों तक राहत सामग्री पहुंचे।
बनर्जी ने कहा, ‘‘इस प्राकृतिक आपदा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। उस व्यक्ति की अपने घर पर केबल से संबंधित कुछ काम करते समय मौत हो गयी। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। पोस्टमार्टम से हमें स्पष्ट तस्वीर मिलेगी। अगर जरूरत पड़ी तो हम (राज्य सरकार) परिवार की मदद करेंगे।’’
मृतक दक्षिण 24 परगना जिले के पार्थप्रतिमा प्रखंड की रहने वाला था।
राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के बाद कृषि विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने अधिकारियों को 'चक्रवात दाना' से हुए नुकसान का पता लगाने के लिए कृषि भूमि का एक और सर्वेक्षण शुरू करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने उनसे क्षतिग्रस्त कृषि भूमि की सूची तैयार करने को कहा ताकि किसानों को फसल बीमा से धन मिल सके।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को नुकसान ना हो।’’
बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने फसल बीमा कराने की अवधि 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें 48 घंटे तक अपने-अपने कार्य क्षेत्र में बनी रहें।
उन्होंने कहा, "मुझे विभिन्न जिलों से जानकारी मिली है। दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप, डायमंड हार्बर, उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि जैसे स्थानों पर निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। बनगांव और बशीरहाट उप-मंडलों में जल-जमाव की सूचना मिली है। इन स्थानों पर देर शाम तक बारिश जारी रहेगी।"
बनर्जी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि सांप काटने की दवा सहित अन्य दवाएं जरूरतमंद लोगों तक पहुंचें।
मुख्यमंत्री ने उन स्थानों पर पुनः वृक्षारोपण करने का भी निर्देश दिया जहां वनस्पति को नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, "जिन लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं, उनके लिए राहत शिविरों का संचालन जारी रहना चाहिए, जब तक कि पानी कम न हो जाए।"
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को स्थिति पर नजर रखनी चाहिए ताकि डेंगू, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं चाहती हूं कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि राहत सामग्री लोगों तक पहुंचे और इसमें कोई भेदभाव ना हो।"
बनर्जी ने सिंचाई विभाग को चक्रवात में क्षतिग्रस्त हुए बांधों का पुनर्निर्माण करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, "मैं आपसे (अधिकारियों) कहूंगी कि इस वर्ष मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए 15 करोड़ और मैंग्रोव पौधे लगाएं। मैं सुंदरबन मास्टर प्लान के संबंध में नीति आयोग को फिर से पत्र लिखूंगी।"
बंगाल की मुख्यमंत्री ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर पानी छोड़ने और राज्य को जलमग्न करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया, "जब भी झारखंड में बारिश होती है, वे (डीवीसी) पानी छोड़ देते हैं और हमारा राज्य जलमग्न हो जाता है। यह एक चलन बन गया है।"
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बाढ़ या चक्रवात आने पर भी केंद्र सरकार हमें पैसा नहीं देती।’’
बनर्जी ने अधिकारियों से घाटाल मास्टर प्लान पर काम शुरू करने को कहा और इस परियोजना को दो साल के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया।
घाटाल मास्टर प्लान राज्य की कम से कम 10 प्रमुख नदियों के तटबंधों को मजबूत करने और नदी तल की सफाई के लिए एक बड़ी परियोजना है।
उन्होंने कहा, "हमने घाटाल मास्टर प्लान की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पहले ही पूरी कर ली है। हमने 400 करोड़ रुपये का काम पहले ही कर लिया है। अधिक जनशक्ति का उपयोग करके दो साल के भीतर परियोजना को पूरा करें। राज्य में वापस आए प्रवासी श्रमिकों का उपयोग करें।"
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पेयजल पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा करने के भी निर्देश दिए।
भाषा योगेश