ज्ञानवापी परिसर में खुदाई के जरिए सर्वेक्षण की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका खारिज
सं अरूणव जफर नोमान
- 25 Oct 2024, 11:09 PM
- Updated: 11:09 PM
वाराणसी, 25 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में वाराणसी की एक अदालत ने पूरे ज्ञानवापी परिसर में खुदाई के जरिए सर्वेक्षण की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। हिंदू पक्ष के एक वकील ने यह जानकारी दी।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले मदन मोहन यादव ने कहा कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) युगुल शंभू ने पूरे ज्ञानवापी परिसर में खुदाई के जरिए सर्वेक्षण की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी।
उन्होंने कहा कि वे निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
जिला अदालत के 21 जुलाई 2023 के आदेश के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यह निर्धारित करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया कि क्या मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर के पहले से मौजूद ढांचे के ऊपर किया गया था।
एएसआई ने 18 दिसंबर 2023 को एक सीलबंद लिफाफे में जिला अदालत को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी।
हिंदू याचिकाकर्ताओं ने यह दावा किया था कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों के ऊपर किया गया था जिसके बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था।
अपने आदेश में स्थानीय अदालत ने कहा, “चूंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने पहले ही निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण स्थल पर कोई खुदाई या विध्वंस नहीं किया जाएगा और पूरा सर्वेक्षण गैर-आक्रामक पद्धति से किया जाएगा, इसलिए वादी की प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता।"
अदालत ने कहा, "आवेदन को अस्वीकार किया जाता है।"
यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा। उन्होंने कहा, "खुदाई किए बिना ज्ञानवापी की सच्चाई सामने नहीं आएगी। हम इस मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।"
अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा कि वह फैसले से बहुत खुश हैं और "यह इंसाफ की जीत है।"
भाषा सं अरूणव जफर