हमें पहली पारी में रन जुटाने की जरूरत है, लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं : भारतीय गेंदबाजी कोच मोर्कल
नमिता पंत
- 25 Oct 2024, 07:10 PM
- Updated: 07:10 PM
पुणे, 25 अक्टूबर (भाषा) गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने स्वीकार किया कि पहली पारी में बल्लेबाजों की रन बनाने में लगातार असफलता टीम को महंगी पड़ रही है जिससे भारत पर 2012-13 के बाद से घरेलू मैदान पर पहली टेस्ट श्रृंखला गंवाने का खतरा मंडरा रहा है।
पहले टेस्ट की पहली पारी में 46 रन पर ढेर होने के बाद भारतीय टीम शुक्रवार को दूसरे टेस्ट के पहले दिन महज 156 रन पर सिमट गई जिससे न्यूजीलैंड ने मैच पर पूरी तरह से शिकंजा कस लिया।
मोर्कल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच कभी भी टकराव पसंद नहीं है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपको पहली पारी में रन बनाने की जरूरत होती है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम दबदबा बनाते हैं तो अच्छा रहता है लेकिन हम ऐसा करने में कामयाब नहीं हुए हैं। हमारी बल्लेबाजी लाइन-अप में विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं। मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से वे अपनी प्रक्रिया में लगे हैं और वे जानते हैं कि इन चीजों से कैसे निपटना है। ’’
मोर्कल ने दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम उन गलतियों को सुधार लेंगे क्योंकि इस समय हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि उनके पास इसे सुधारने के लिए काफी अनुभव और जानकारी है। ’’
मोर्कल ने कहा, ‘‘मैं टीम को दूसरी पारी में मजबूती के साथ वापसी करने की उम्मीद कर रहा हूं। मैं यह देखने के लिए उत्साहित हूं कि वे कैसे वापसी करते हैं और इस स्थिति और परिस्थितियों में कैसे खेलते हैं। ’’
मोर्कल ने कहा कि भारत को मैच और श्रृंखला हारने से बचने के लिए भरोसा बनाये रखना होगा और परिस्थितियों की जानकारी का समर्थन करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास करना होगा। यह खेल काफी मजेदार है। हमारे खिलाड़ी आक्रामक खिलाड़ी हैं, ऐसे खिलाड़ी हैं जो इन परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इस मैच से पहले हमारी बातचीत यही थी कि हम इन परिस्थितियों में माहिर हैं, हम जानते हैं कि इन परिस्थितियों का सामना कैसे करना है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ईमानदारी से कहूं तो यह मुश्किल काम होगा। लेकिन यह वाकई में प्रेरित करने और जुझारू जज्बा दिखाकर शीर्ष प्रदर्शन करने का मौका है, मैं इसे इसी तरह देखता हूं। ’’
भाषा नमिता