इजराइल-हिज्बुल्ला के बीच युद्ध के चलते बेरूत के प्रसिद्ध वाणिज्यिक क्षेत्र की बदली तस्वीर
एपी जोहेब अमित
- 24 Oct 2024, 12:30 PM
- Updated: 12:30 PM
बेरूत, 24 अक्टूबर (एपी) इजराइल-हिज्बुल्ला के बीच युद्ध के चलते बेरूत के एक सबसे पुराने और प्रसिद्ध सिनेमाघर में इन दिनों विस्थापित लेबनानी, फलस्तीनी और सीरियाई लोग फोन पर खबरें देखकर, खाना बनाकर, बातचीत करके और इधर-उधर टहलकर वक्त बिता रहे हैं।
कभी एक संपन्न आर्थिक केंद्र रहे हमरा स्ट्रीट के फुटपाथ विस्थापित लोगों से भरे पड़े हैं और होटल व अपार्टमेंट में भी लोगों की भरमार है। कैफे और रेस्तरां खचाखच भरे हुए हैं।
हमरा स्ट्रीट कभी लेबनान के आर्थिक संकट के कारण बुरे दौर से गुजर रहा था, हालांकि लाखों लोगों के विस्थापन से यहां वाणिज्यिक गतिविधियों को कुछ हद तक बढ़ावा मिला है। हालांकि यह लोगों की उम्मीद के मुताबिक नहीं है।
बुलेवर्ड में चार सितारा होटल के प्रबंधक ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘विस्थापितों की वजह से हमरा स्ट्रीट को सकारात्मक लाभ नहीं मिला है।’’
उन्होंने कहा कि सितंबर के मध्य में युद्ध के जोर पकड़ने के बाद तीन सप्ताह तक होटल में क्षमता के हिसाब से लोग थे, लेकिन आज क्षमता की तुलना में 65 प्रतिशत लोग हैं।
उन्होंने कहा कि देखा जाए तो कुछ लोगों के किराये के मकान में जाने के बाद स्थिति साल के इस समय के हिसाब से अच्छी है।
होटल प्रबंधक ने कहा कि विस्थापित लोगों के आने से अव्यवस्था भी पैदा हुई है। यातायात जाम, डबल पार्किंग और फुटपाथ पर मोटरसाइकिल और स्कूटरों का जमावड़ा आम बात हो गई है, जिससे पैदलयात्रियों के लिए चलना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों और जिले के निवासियों के बीच अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती है।
हमरा स्ट्रीट लंबे समय से लेबनान की अशांत राजनीति का प्रतीक रहा है।
हाल के वर्षों में, पड़ोसी देश सीरिया में युद्ध से बचकर आए शरणार्थियों के कारण जिले की तस्वीर बदल गई और 2019 में शुरू हुए देश के वित्तीय पतन के कारण कारोबारों को नुकसान उठाना पड़ा।
इजराइल ने लेबनान के कुछ हिस्सों पर 23 सितंबर को हमले तेज कर दिए थे, जिसके बाद एक दिन में लगभग 500 लोग मारे गए और 1,600 घायल हो गए।
एपी जोहेब