फ्रांस के सनसनीखेज बलात्कार मामले में सुनवाई से यौन उत्पीड़न की काली संस्कृति उजागर
एपी सुरभि अविनाश
- 23 Oct 2024, 04:29 PM
- Updated: 04:29 PM
एविग्नन (फ्रांस), 23 अक्टूबर (एपी) अब वे लोग मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जिनमें ज्यादातर आम पुरूष हैं। इन सब पर बलात्कार का आरोप है। इनकी संख्या करीब 50 है, जो किसी के पिता, दादा, पति, कर्मी और सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। इन सभी पर नशे में सोई गिजेल पेलिकोट का यौन उत्पीड़न करने और उसके पति पर इन खौफनाक दृश्यों को फिल्माने, उनका वीडियो बनाने का आरोप है।
फ्रांस में इस खौफनाक और अभूतपूर्व मुकदमे की सुनवाई ने उजागर किया है कि किस तरह से ‘पोर्नोग्राफी’, अजनबियों से मुलाकात के लिए ‘चैटरूम’ और किसी महिला की यौन सहमति को नजरअंदाज करने का पुरुषों का रवैया या इस बारे में उनकी अस्पष्ट समझ, बलात्कार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है।
रोंगटे खड़े कर देने वाली ये घटनाएं महज एक महिला से बलात्कार की नहीं है। डोमिनिक पेलिकोट के शब्दों में, उसने अपनी पत्नी से बलात्कार कराने के लिए पुरुषों को बुलाया और इसके लिए उसे ऐसे लोगों को ढूंढने में कोई परेशानी नहीं हुई। वह इनका वीडियो बनाता और उन्हें अपने निजी वीडियो लाइब्रेरी में सहेज कर रखता था।
सुनवाई के पहले सात हफ्ते के दौरान लगभग 24 अभियुक्तों ने गवाही दी, जिनमें अहमद टी. भी शामिल था। फ्रांस में दोषसिद्धि होने तक आम तौर पर प्रतिवादियों का पूरा नाम नहीं बताया जाता।
अहमद टी. पेशे से ‘प्लंबर’ है और उसके तीन बच्चे तथा पांच पोते-पोतियां हैं। उसने बताया कि जब वह 2019 में मजान प्रांत में स्थित पेलिकोट और उसके पूर्व पति के घर पर गया और पेलिकोट से मिला तो उसके मन में यह जरा भी ख्याल नहीं आया कि पेलिकोट कोई हरकत नहीं कर रही हैं।
उसने बताया कि उसे लगा जैसे यह कोई पोर्न फिल्म की तरह है।
अहमद टी. की तरह ही अन्य अभियुक्तों ने भी अदालत में बताया कि उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि डोमिनिक पेलिकोट अपनी पत्नी को नशा देता था। हालांकि डोमिनिक पेलिकोट ने इस बात से इनकार किया और अदालत में बताया कि उसके सह-आरोपी वास्तविक स्थिति से वाकिफ थे।
महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ‘ओसेज ले फेमिनिज्म’ या ‘डेयर फेमिनिज्म’ की प्रवक्ता सेलिन पिक्स ने कहा कि सुनवाई के दौरान कई पुरूषों ने पोर्न से प्रेरित होने की जो बात कही, उनकी इस बात से वह सहमत हैं क्योंकि कई लोकप्रिय वेबसाइट पर इस तरह के वीडियो उपलब्ध हैं।
पिछले साल फ्रांस में अधिकारियों ने यौन हिंसा की शिकार 1,14,000 पीड़ितों के मामले दर्ज किए जिनमें 25,000 बलात्कार के मामले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर बलात्कार के मामले सबूत के अभाव में रिपोर्ट नहीं किए जाते क्योंकि करीब 80 प्रतिशत महिलाएं मामला दर्ज नहीं करातीं और जो महिलाएं मामला दर्ज कराती हैं उनमें से 80 प्रतिशत अपने मामले की जांच होने से पहले ही उसे रद्द होते हुए देखती हैं।
घटना का खुलासा तब हुआ जब 2020 में एक दुकान के सुरक्षा गार्ड ने पेलिकोट को महिलाओं की स्कर्ट का वीडियो बनाते देखा जिसके बाद पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली और उसके फोन, लैपटॉप तथा यूएसबी में हजारों पोर्न फोटो और वीडियो देखे। उसने अपने घर आने वाले हर शख्स की तस्वीरों व वीडियो को अलग अलग फाइल में सहेज कर रखा था।
अभियुक्तों में शामिल म्हाडी डी. ने अदालत में बताया कि जब वह पांच अक्टूबर, 2018 की रात अपने घर से निकला था तो उसकी मंशा किसी का बलात्कार करने की नहीं थी।
यातायात कर्मी के तौर पर काम करने वाले 36 वर्षीय आरोपी ने पांच न्यायाधीशों की पीठ से कहा, ‘‘मुझे लगा, वह (गिजेल) सो रही हैं।’’ गिजेल पेलिकोट सुनवाई के हर दिन अदालत आती थीं और आज वह यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के लिए नायक बनकर उभरी हैं जिन्होंने अपने मुकदमे की सार्वजनिक सुनवाई पर जोर दिया जबकि आम तौर पर ऐसे मामलों की सुनवाई बंद कमरे में होती है।
पेलिकोट ने यह सबकुछ 2011 से 2020 तक सहा। म्हाडी ने अपने खिलाफ सभी आरोपों को स्वीकार किया लेकिन उसने इसे बलात्कार मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि वह (गिजेल) एक पीड़ित हैं। हम लोग कल्पना नहीं कर सकते कि वह किस दर्द से गुजरी होंगी। वह टूट चुकी हैं।’’
जून में अधिकारी उस ‘चैटरूम’ भी पहुंचे जहां डोमिनिक पेलिकोट सह-आरोपियों से मिलता था। दो सितंबर को मामले में सुनवाई शुरू होने के बाद से इसकी गूंज दूर दूर तक सुनी गई। घटना के विरोध में फ्रांस के कई छोटे-बड़े शहरों में प्रदर्शन हो चुके हैं, जिसने पत्रकारों, दार्शनिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने विचार लिखने के लिए प्रेरित किया है।
गिजेल पेलिकोट वर्तमान में 70 वर्ष की हैं और अदालत में वीडियो को दिखाने के दौरान उन्होंने वहीं मौजूद रहना चुना। इस दौरान कई बार इन दृश्यों को देखकर उनकी आंखें भर आईं।
एपी सुरभि