गांदेरबल में जान गंवाने वाले श्रमिकों की मौत का सुरक्षा बल लेंगे बदला: उप राज्यपाल
धीरज माधव
- 21 Oct 2024, 06:06 PM
- Updated: 06:06 PM
(तस्वीरों के साथ)
श्रीनगर, 21 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि सुरक्षा बल गांदेरबल में हुए क्रूर आतंकी हमले में जान गंवाने वाले श्रमिकों की मौत का बदला लेंगे और ऐसी कार्रवाई करेंगे जिसे आतंकवादी भविष्य में भी याद रखेंगे।
सिन्हा ने मृतकों के लिए न्याय की जरूरत रेखांकित की। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए अभी भी निर्दोष लोगों की हत्या करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का निर्देश अधिकारियों को दिया।
गांदेरबल जिले के गुंड में एक निर्माणाधीन सुरंग में हुए आतंकवादी हमले में कश्मीर के एक डॉक्टर और छह प्रवासी मजदूरों सहित सात लोगों की जान चली गई, जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गए।
सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा,‘‘ श्रमिकों के खिलाफ हुए क्रूर और बर्बर हमले का बदला लिया जाएगा। मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, सुरक्षा बलों से ऐसी कार्रवाई करने को कहा है जिसे आतंकवादी और उनके सहयोगी भविष्य में भी याद रखेंगे।’’
इससे पहले एक समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘हम कल के कायरतापूर्ण हमले को नहीं भूलेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी देश से अभी भी खतरा बना हुआ है। वह अब भी इस क्षेत्र में निर्दोष लोगों को मारने और यहां शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है।’’
सिन्हा ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और आतंकवाद निरोधी अभियानों में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यहां मादक पदार्थों की तस्करी रोकने की जरूरत है। हमें संभावित खतरों के प्रति सजग रहने और आतंकवाद निरोधी अभियानों में सुधार करने की जरूरत है।’’
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा कि निर्दोष लोगों की रक्षा की जानी चाहिए और दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
उपराज्यपाल ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी है और उनके सम्मान में ‘बलिदान स्तम्भ’ का निर्माण किया गया है। उनका बलिदान सर्वोच्च है।’’
सिन्हा ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा कवर और अन्य चीजों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके साथ हैं।’’
उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षा बलों के बलिदान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि कोई भी राष्ट्र तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक वह सुरक्षित न हो।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी कोई घटना होती है, तो पुलिस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है, इसलिए मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे सुरक्षा बलों के बलिदान का सम्मान करें और उनका हौसला बढ़ाएं।’’
सिन्हा ने कहा, ‘‘हमें उन्हें सलाम करना चाहिए क्योंकि वे न तो हिंदू हैं, न मुस्लिम और न ही सिख। क्षेत्र में शांति के लिए मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे इस विकास प्रक्रिया में समान रूप से भाग लें।’’
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उप राज्यपाल ने गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती को तत्काल उन असैन्य पीड़ित परिवारों को वित्तीय मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है जिनके प्रियजन आतंकवादी हमले में मारे गए थे।
प्रवक्ता ने बताया कि श्रमिक जिस एपीसीओ इंफ्राटेक कंपनी के लिए काम करते थे, उसने उप राज्यपाल को उनके परिवारों को दी गई सहायता की जानकारी दी है।
सिन्हा ने कहा कि कपंनी बिना देरी के मुआवजा राशि जारी करे।
सुरक्षा संबंधी व्यय के मद में प्रत्येक मृतक के परिवार को छह लाख रुपये जाएंगे जबकि एपीसीओ इंफ्राटेक तत्काल मदद के तहत 15-15 लाख रुपये की मदद देगी। सभी घायलों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
एपीसीओ इन्फ्राटेक कॉरपोरेट व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के तहत कार्यरत असैन्य कर्मियों के परिवारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी तथा बीमा से मुआवजे के रूप में उनके सकल सीटीसी का पांच वर्ष का हिस्सा भी प्रदान करेगी।
सिन्हा ने कहा, ‘‘हालांकि, यह अपूरणीय क्षति है और पैसे से इसकी भरपाई नहीं की जा सकती, हम शहीद असैन्य नागरिकों के परिवारों के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सके।’’
भाषा धीरज