तिहाड़ जेल में मालिश करवाने का झूठा आरोप लगाया गया, बस मैं फिजियोथेरेपी करा रहा था: सत्येंद्र जैन
रंजन रंजन राजकुमार
- 20 Oct 2024, 12:53 AM
- Updated: 12:53 AM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि उन पर तिहाड़ जेल में मालिश करवाने का झूठा आरोप लगाया गया, जबकि वह पैर में 'बहुत तेज' दर्द होने के कारण फिजियोथेरेपी करवा रहे थे।
नवंबर 2022 में तिहाड़ जेल के सीसीटीवी कैमरे का फुटेज सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें जैन कथित तौर "मालिश" करवा रहे थे। जैन उस समय दिल्ली के कारागार विभाग के मंत्री थे।
आप की ओर से जारी एक बयान में जैन ने कहा कि वीडियो को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
दिल्ली के पूर्व मंत्री ने कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें एक महीने तक बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी थी और अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर सुविधाओं वाले कमरे में रहने का सुझाव दिया था।
उन्होंने कहा कि वह न तो झुक सकते थे, न कुछ उठा सकते थे और न ही हिल-डुल सकते थे।
आप नेता कहा, "उस दौरान, मेरे पैरों में बहुत दर्द हो रहा था। स्थिति को देखते हुए सारी व्यवस्था की गई थी। क्या कभी कोई पूरे कपड़े पहनकर मालिश करवाता है? फिजियोथेरेपिस्ट बस अपना काम कर रहा था, फिर भी झूठा दावा किया गया कि मेरी मालिश की जा रही है।"
जैन को धनशोधन के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिलने के बाद शनिवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें 18 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत मिली।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मार्च 2022 में गिरफ्तार किया था।
जैन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘‘न्यायपालिका न होती तो भाजपा मुझे फांसी पर लटका देती।’’
जेल के वीडियो का हवाला देते हुए जैन ने कहा, ‘‘अगर भाजपा ये दावे कर रही है तो उन्होंने पहले वीडियो क्यों नहीं जारी किया । उन्होंने गुजरात चुनाव के दौरान ही इसे प्रसारित करना शुरू किया था।’’
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि जैन के दावे और उनके आरोप पुरी तरह ‘हास्यास्पद’ हैं।
कपूर ने कहा, ‘‘आप नेता जेल से बाहर आने के बाद मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं, जैसा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने पहले किया था, और अब सत्येंद्र जैन भी यही कर रहे हैं।’’
उन्होने कहा, ‘‘अगर जैन को तिहाड़ में कोई समस्या थी, तो उन्हें अदालत के संज्ञान में लाने से किसने रोका था।’’
भाषा रंजन रंजन